आज की दौड़भाग भरी जिंदगी में सेहत का ध्यान लोग नहीं रख पाते हैं। ऐसे में दांतों की सेहत भी खराब हो जाती है। क्यों न हम थोड़ा सा ध्यान देकर दांतों को साफ और सुंदर बना लें। मुंह और दांतों को साफ व सेहतमंद रखकर रोगों को दूर रखना ओरल हाइजीन कहलाता है। रोजाना दांतों की सफाई से प्लाक, कैविटी और अन्य खाद्य अवशेषों को बचाया जा सकता है। इसके लिए नियमित रूप से ब्रश व कुल्ला करने के साथ जीभ की सफाई भी जरूरी है।
रोजाना ब्रश करें
प्लाक हमारे दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। कुछ भी खाने के बाद ठीक तरह से मुंह की सफाई न करने से ऐसा होता है। इस परत में कीटाणु होते हैं जो दांतों और मसूढ़ों को खराब कर कैविट व सूजन ( जिंजवाइटिस ) का कारण बनते हैं। कई बार ठीक से ब्रश न करने पर भी ये परत नहीं हटती और ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं।इसके लिए नियमित रूप से सुबह और शाम ब्रश करें।
फ्लॉसिंग करें
दांतों और मसूढ़ों के अलावा मुंह में ऐसी कई जगह होती हैं जहां ब्रश नहीं पहुंच पाते हैं। इन स्थानों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग एक बेहतरीन विकल्प है जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर प्लाक, कैविटी या अन्य खाद्य अवशेष को बाहर निकालने का काम करता है। कई बार दंत रोग विशेषज्ञ दांतों की सफाई के लिए इंटरसेटल ब्रशिंग करने की सलाह भी देते हैं क्योंकि यह दांतों के बीच की सफाई के साथ मसूढ़ों को भी मजबूत करता है।
ओरल हाइजीन व अन्य राेगाें का खतरा
हार्ट अटैक
शरीर के किसी भी अंग में यदि संक्रमण होता है तो उससे सीधा हृदय संक्रमण होता है। इसी तरह यदि बैक्टीरिया की वजह से मसूढ़ों में सड़न व सूजन ( Gingivitis ) हो जाए तो कीटाणु रक्त के माध्यम से विभिन्न अंगों के साथ हृदय की नलिकाओं को भी प्रभावित करते हैं जिससे हृदय अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
रुमेटाइड आर्थराइटिस
पेरियोडोन्टल गम डिजीज न केवल दांतों व मसूढ़ों की कोशिकाओं को कमजोर करती है बल्कि रुमेटाइड आर्थराइटिस की वजह भी बनती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
दांतों में तकलीफ से व्यक्ति भोजन को ठीक से चबा नहीं पाता। ऐसे में शरीर में उचित मात्रा में आहार न पहुंचने से पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है।
मुंह का कैंसर
तंबाकू या शराब पीने से मुंह का कैंसर हो सकता है जो धीरे-धीरे शरीर के किसी भी हिस्से में अपनी जगह बनाकर जानलेवा साबित हो सकता है।
खयाल रखें ( Dental Care Tips )
– दांतों को ब्रश से साफ करते समय ध्यान रखें कि ब्रश मुलायम हाे। मसूढ़ों पर ज्यादा दबाव न डालते हुए ब्रश को मुँह में 45 डिग्री के एंगल पर घुमाएँ।
– हल्के तौर पर मसूढ़ों को ब्रश से साफ करने के अलावा नीलगिरि या पिपरमिंट के तेल से इनकी मालिश कर सकते हैं। इससे मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं।
– ऊपर व नीचे के दांतों को आपस में दबाएं। ऐसी करने से खून का दौरा सुधरेगा व मसूढ़े मजबूत होगा।
– ब्रश करने व फ्लॉसिंग के बाद रोजाना माउथवॉश से मुंह की सफाई करनी चाहिए। यह एंटीसेप्टिक होता है जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर दुर्गंध दूर करता है।
– चीनी मुंह में जाकर बैक्टीरिया के साथ दांतों में सड़न पैदा करती है। इससे मसूढ़ों से खून आने का लगता है और कैविटी के साथ मसूढ़े सड़ने लगते हैं। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय पदार्थ दांतों की इम्मल लेयर को गलाने का काम करते हैं। इसलिए इनसे परहेज करना ही उचित होगा।