लखनऊ। महिलाओं में बीमारियों के प्रति जागरुकता लाने के लिए झलकारी बाई अस्पताल में मरीजों को जानकारी दी गई। यहां बताया गया कि शरीर के निचले हिस्से में होने वाला संक्रमण जिसको सिस्टाइटिस के रूप में जाना जाता है। कार्यक्रम में सिस्टाइटिस के लक्षणों और बचाव के तरीकों से जानकारी दी गई। इसके लिये बीमारी से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था की गई है।
दस प्रतिशत महिलाओं को सिस्टाइटिस
झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुधा ने बताया कि रोजाना अस्पताल की ओपीडी में 200-300 मरीजों के पर्चे बनते हैं जिनमें से दस प्रतिशत महिलाओं को सिस्टाइटिस की समस्या होती है। इन महिलाओं को बीमारी से बचाव के लिये एंटीबॉयटिक दवाओं के कोर्स की जानकारी भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि समय रहते बीमारी का पता चलने पर दवाओं से उसे ठीक हो सकता है। साफ-सफाई में लापरवाही बरतने पर यह बीमारी बढ़ती है।
यह है सिस्टाइटिस
सिस्टाइटिस यानी पेट के निचले हिस्से में होने वाला संक्रमण। ये पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होता है। यह संक्रमण शरीर के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। यूरिनरी सिस्टम के अंग जैसे यूरिनरी ब्लैडर, किडनी में से कोई अंग में जब संक्रमण हो तो उसे सिस्टाइटिस कहते हैं। सिस्टाइटिस को यूटीआई भी कहा जाता है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि बीमारी का पता चलने पर जल्द ही इसका इलाज करवा लेना चाहिए वरना ये ब्लैडर और किडनी को भी प्रभावित कर सकता है।
ये हैं लक्षण
पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन, थकान और चक्कर आना
बचाव के लिये यह करें
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें