लखनऊ। वेतन ना मिलने तथा सेवा विस्तार ना होने के कारण स्टाफ नर्स बड़ी संख्या में अपने ड्रेस में शुक्रवार को चारबाग से विधानसभा तक पैदल यात्रा तथा जीपीओ पर प्रदर्शन किया और मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य के यहां बात की। मंत्री के आवास पर कुछ अधिकारियों द्वारा जल्द ही प्रमुख सचिव से बात करने का आश्वासन देकर भीड़ को हटाया गया। सभी कर्मचारी आज पूरी रात लखनऊ में रुके हैं कल सुबह फिर प्रदर्शन करेंगे।
30 जून से सेवा समाप्त
प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में कार्यरत 4031 स्टाफ नर्स की सेवा 30 जून 2019 को समाप्त हो गई थी तथा इन कर्मचारियों का 6 माह का वेतन भी नहीं मिला था जिस कारण से कर्मचारी पिछले 2 महीने से जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। 15 दिन पहले प्रदेश के सभी जिलों से कर्मचारी स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी के आवास पर, स्वास्थ्य भवन तथा जनपद सचिवालय भवन पर प्रदर्शन कर चुके थे।
निकाले जाने की नोटिस मेल किया
दूसरी ओर यूपीएच एसएसपी परियोजना के खत्म होने के कारण 30 सितंबर को लगभग 5000 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के निकाले जाने की नोटिस कल शाम को टी एण्ड एम कंपनी मुंबई द्वारा मेल कर दिया गया है 30 सितंबर को 5000 कर्मचारी पुन: बेरोजगारी की कगार पर आ जाएंगे। प्रदेश सरकार तथा शासन के अधिकारी एजेंसी वालों को टेंडर देकर कर्मचारियों को निकालने तथा रखने तथा धन उगाही की पूरी छूट दे रखे हैं।
सुनवाई नहीं हो रही
संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश के विभिन्न योजनाओं ,चिकित्सा शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हो रहे उत्पीडऩ तथा शोषण की शिकायत कई बार शासन से की जा चुकी है तथा हर समस्या से सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा प्रमुख सचिव, महानिदेशक को अवगत करा दिया गया है। उसके बाद भी युवा कर्मचारियों की एक भी सुनवाई नहीं हो रही है जबकि ये चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारी है।
करेंगे प्रदर्शन
प्रदेश मीडिया प्रभारी सच्चिदानंद मिश्रा ने बताया कि युवाओं के शोषण के लिए आउटसोर्सिंग जैसी व्यवस्था को बढ़ावा देने का कार्य शासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है और इन्हीं अधिकारियों द्वारा संघ के सभी शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अगर इसका शासन द्वारा जल्द कोई निराकरण नहीं हुआ तो संविदा कर्मचारी संघ प्रदेश से 20 से 30,000 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन करेगा। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होने पर सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।