प्रयागराज। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से अग्निकांड में झुलसे मरीजों को जल्द ही बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। कॉलेज के चिकित्सालय स्वरूप रानी नेहरू एसिड अटैक और नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट फॉर बर्न इंजरीज (एनपीपीएमबीआई) योजना के तहत नए वार्ड का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से 3.81 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है।
26 बेड की नई बर्न यूनिट
मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल परिसर में 26 बेड की नई बर्न यूनिट में 20 बेड सामान्य और छह बेड के आईसीयू के होंगे। इस यूनिट में ऑपरेशन थिएटर भी होगा। आग से झुलसे या जले मरीजों के साथ एसिड अटैक पीडि़तों के बेहतर उपचार के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी। बर्न यूनिट में रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष योजना से उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी। बर्न यूनिट की स्थापना के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भूमि चिह्नित कर ली है।
डायलिसिस यूनिट को पीएमएसएसवाई भवन में स्थापित
एसआरएन अस्पताल के एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक इसके लिए तकनीकी टीम ने डायलिसिस यूनिट के भवन को चिह्नित किया है। यहां पुराने भवन को जल्द ही ध्वस्त कराया जाएगा। फिर बर्न यूनिट के लिए भवन निर्माण शुरू होगा। उन्होंने बताया कि डायलिसिस यूनिट को पीएमएसएसवाई भवन में स्थापित किया जाएगा। आग से जले मरीजों का इलाज करने के लिए एसआरएन अस्पताल में पहले से ही 11 बेड का बर्न वार्ड है।
यूनिट के सिविल कार्य की जिम्मेदारी सीएंडडीएस को शासनस्तर से सौंपा
कुंभ कार्यों के तहत इस वार्ड का कायाकल्प कराया गया था। यहां नए एसी के साथ सीलिंग और टाइल्स लगाई गई हैं। यहां डॉ. मोहित जैन और डॉ. सिद्दीकी के साथ अन्य पैरामेडिकल स्टाफ कार्यरत हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि यूनिट के सिविल कार्य की जिम्मेदारी सीएंडडीएस को शासनस्तर से सौंपा गया है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होने की उम्मीद है। इसके निर्माण और संचालन से मरीजों को राहत की सांस मिलेगी।