लखनऊ। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है। डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्तिगत सहभागिता जरूरी है। डेंगू का मच्छर घर में और घर के आसपास साफ पानी में पनपता है, इसलिए कूलर, गमलों और छतों पर एकत्र कबाड़ जैसे टायर, कंटेनर में पानी जमा न होने दें तथा मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। उक्त बातें निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने शनिवार को गोमती नगर के जनेश्वर मिश्र पार्क में डेंगू की रोकथाम एवं बचाव के लिए जागरुकता रैली हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कही।
306 मरीजों का उपचार, 112 लोगों के ब्लड शुगर की जांच
उन्होंने कहा कि रैली का उद्देश्य डेंगू सहित सभी वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जागरुकता अभियान चलाना है। इस अवसर पर जनेश्वर मिश्र पार्क में चिकित्सा शिविर भी लगाया गया था। जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट पर बनाया गया सेल्फी प्वाइंट जनता के आकर्षण का केंद्र रहा जहां लोगों ने जमकर सेल्फी ली। वहीं सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल भी लगाए गए थे, जिनमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना, गैर संचारी रोग, क्षय रोग तथा कुष्ठ रोग संबंधी स्टाल लगाए गए थे। चिकित्सा शिविर में चिकित्सकों ने लगभग 306 मरीजों को देखकर उनका उपचार किया तथा 112 लोगों के ब्लड शुगर की जांच भी की गई।
सीएमओ ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल ने लखनऊ के सभी नगरीय क्षेत्रों के लगभग 6 लाख, 63 हजार 512 घरों में डेंगू से बचाव की जानकारी पहुंचाने के लिए प्रत्येक घर में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के जाने के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ में इस वर्ष नगरीय क्षेत्र में डेंगू से बचाव एवं इसकी रोकथाम के लिए जनता की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान आज से शुरू किया गया है।
डेंगू से बचाव की देंगे जानकारी
इस पांच दिवसीय अभियान में आज व कल शहर के सभी प्रमुख मॉल एवं पार्कों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता डेंगू से बचाव की जानकारी प्रदान करेंगे। एलईडी वेन के माध्यम से भी यह जानकारी आम जनता को दी जाएगी। इसके बाद सोमवार 29 जुलाई से 3 दिन तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा एएनएम तथा नर्सिंग कॉलेज के 4 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक घर में जाएंगे, और प्रत्येक घर पर डेंगू बुखार के लक्षणों एवं इसके उपचार के विषय में जानकारी देने के साथ-साथ बचाव के प्रति जागरूक करेंगे। अब प्रत्येक घर में स्टीकर भी लगाया जाएगा।
ये हैं लक्षण
उन्होंने बताया कि डेंगू रोग के लक्षण तेज बुखार ,तेज बदन दर्द ,सिर दर्द ,जोड़ों में दर्द ,आंख में दर्द तथा शरीर पर चकत्ते का पाया जाना हैं। अत्यधिक गंभीर अवस्था में दांत से, मुंह से, नाक से खून आने की शिकायत हो सकती है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपचार है। घर के आसपास छत पर तथा आंगन में पड़े पुराने बर्तनों, टायर ट्यूब, कूलर ,फूलदान, गमले में पानी एकत्र ना होने दें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। सभी लोग पूरी आस्तीन के कपड़े पहने ,बुखार आने पर निकटतम सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं। डेंगू का इलाज एवं जांच सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क उपलब्ध है। बुखार आने पर स्वयं से इलाज न करें घर के आसपास पानी या कूड़ा एकत्रित न होने दें। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारीवेक्टर बार्न डा.क.पी.त्रिपाठी ने सभी आमंत्रित अतिथियों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया।
ये थे मौजूद
कार्यक्रम में अपर निदेशक मलेरिया डॉक्टर डीवी मिश्रा, संयुक्त निदेशक डॉक्टर विकास सिंघल, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीके बाजपेई, डॉ. आरके चौधरी, डॉ. सईद अहमद, डॉ. आरवी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी डी एन शुक्ला ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिनहट के अधीक्षक डॉ सुरेश पांडे, काकोरी के अधीक्षक डॉ उमा शंकर लाल ,एपीडिमियोलाजिस्ट डा.प्रिया बेंजवाल, शायरी स्वाद समन्वयक डॉ शशि यादव मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से डॉक्टर इच्छा कार्यालय शैलेंद्र गुप्ता सौरभ माथुर तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी योगेश रघुवंशी ,नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के सैकड़ों कार्यकर्ता तथा विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधु भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ एसके सक्सेना ने किया।