कौशाम्बी। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की सुरक्षा में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मामले का खुलासा शनिवार की शाम उस समय हुआ, जब डिप्टी सीएम के पिता के निधन पर शोक-संवेदना व्यक्त करने पहुंचा एक बीजेपी कार्यकर्ता मेटल डिटेक्टर के पास पहुंचते ही गश खाकर गिर पड़ा। उसका मौके पर प्राथमिक इलाज इसलिए नहीं हो सका क्योंकि डिप्टी सीएम के प्रोटोकाल में तैनात किये गए डाक्टर्स और एम्बुलेंस मौजूद नहीं थे। नतीजतन इलाज में देरी होने से कार्यकर्ता की मौत हो गई।
मेटल डिटेक्टर के पास चक्कर आ गया और गिर पड़े
सराय अकिल थाना इलाके के अमिरसा गांव निवासी बीजेपी कार्यकर्ता सुनील पाण्डेय शनिवार की शाम डिप्टी सीएम केशव मौर्या के पिता स्व. श्याम लाल मौर्या के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने उनके आवास पहुंचे थे। मेटल डिटेक्टर के पास उन्हें चक्कर आ गया और गिर पड़े। सुरक्षा कर्मियों ने डाक्टरों को पुकारा लेकिन मौके पर कोई डाक्टर मौजूद नहीं मिले।
मौके से नदारद मिली एम्बुलेंस
सुनील को नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को बुलाया गया लेकिन वह भी मौके से नदारद मिली, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार डिप्टी सीएम केशव मौर्या के प्रोटोकाल में डाक्टरों की टीम और लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम की सुविधा से लैस एम्बुलेंस चौबीस घंटे मौजूद होनी चाहिए थी। मजबूरन बीजेपी कार्यकर्ता सुनील को पहले सिराथू सीएचसी और फिर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही सुनील ने दम तोड़ दिया।
नोटिस दिया गया
डिप्टी सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक के इस सवाल पर कौशाम्बी के चीफ मेडिकल अफसर डॉ. पीएन चतुर्वेदी ने बताया कि डिप्टी सीएम के प्रोटोकाल में निर्धारित डाक्टरों की टीम और एम्बुलेंस को नियमत: तैनात किया गया था। बीजेपी कार्यकर्ता की तबियत बिगडऩे के समय डाक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे, इसके लिए ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों और एम्बुलेंस कर्मियों को नोटिस दिया गया है। नोटिस का जवाब आने पर कार्यवाही की जाएगी।
सुरक्षा में चूक के मामले पर डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि उनके संज्ञान में मामला आया है। उनसे अभी तक किसी भी शख्स से लिखित शिकायत नहीं की है। फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ कौशाम्बी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है।