लखनऊ। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर सड़क हादसों में घायल हो रहे लोगों के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर जल्द ही ट्रामा सेंटर बन कर तैयार हो जाएगा। ट्रामा सेंटर बनाने को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। यहां ट्रामा सेंटर बन जाने से मरीजों को इलाज के लिए लम्बा सफर तय नहीं करना होगा। यानि कि मरीजों को राहत मिलेगी। एक्सीडेंट होने के तुरंत बाद मरीजों को इलाज मुहैया होगी।
अभी इतनी दूरी तय करनी होती थी
अभी तक कन्नौज के सौरिख से मेडिकल कॉलेज के लिए करीब 35 किमी और जिला अस्पताल के लिए करीब 45 किमी की दूरी तय करनी होती है। अब ऐसा नही करना पड़ेगी। पहले हिस्से में ट्रामा सेंटर के लिए जिला प्रशासन ने सौरिख कट के पास एक्सप्रेस वे से लगी दो हजार वर्ग मीटर जमीन का चयन कर लिया है। डीएम ने यूपीडा मुख्यालय लखनऊ को प्रस्ताव भेजा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आए दिन हादसे होते हैं। घायलों को सही समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत तक हो जाती है।
एक्सीडेंट के बाद तुरंत नहीं मिल पाता था इलाज
मेडिकल कालेज टीम द्वारा तैयार किए गए ट्रामा सेंटर के प्रस्ताव को डीएम ने यूपीडा को भेज दिया है। एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों में गंभीर घायलों को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। यह उन्हें फिलहाल नहीं मिल पा रहा है। जब तक उन्हें मेडिकल कालेज या जिला अस्पताल पहुंचाया जाता, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन का चयन
पांच दिसंबर 2018 को एक्सप्रेसवे पर सौरिख में बने कट का उद्घाटन करने आए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के सामने स्थानीय लोगों और खुद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने इस समस्या को रखा था। सतीश महाना ने भी इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने ट्रामा सेंटर के लिए सौरिख में ही एक्सप्रेसवे के नजदीक जमीन के चयन के निर्देश दिए थे। जमीन की तलाश में जुटे अधिकारियों ने सौरिख कट के पास ही एक किसान की करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन का चयन ट्रामा सेंटर के लिए किया है।
डीएम ने यूपीडा को भेज दिया प्रस्ताव
किसान भी जमीन देने को राजी है। मेडिकल कालेज टीम द्वारा तैयार किए गए ट्रामा सेंटर के प्रस्ताव को डीएम ने यूपीडा को भेज दिया है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि शासन से हरी झंडी मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके बाद एस्टीमेट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।