लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार की शाम को लखनऊ के ट्रामा सेंटर से पीड़ित युवती को ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एयरपोर्ट पहुंचाया गया। यहां से गेट नम्बर दो से प्रवेश करके पीड़ित युवती को नई दिल्ली, एम्स के लिए एयरलिफ्ट किया गया। पीड़ित युवती के दिल्ली पहुंचने के बाद रात्रि पहर अधिवक्ता को भी इसी तरह से एयरलिफ्ट करके दिल्ली ले जाया जाएगा। शाम करीब 6.22 बजे ट्रॉमा से एम्बुलेंस लेकर एयरपोर्ट रवाना हुई। एम्बुलेंस से 30 किलोमीटर का सफर करीब 40 मिनट में पीडि़ता को एयरपोर्ट पहुंचाया गया। यहां 7.30 बजे एअर एम्बुलेंस ने उड़ान भरी।
सेहत में हुआ था सुधार
28 जुलाई को रेप पीडि़ता को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वेंटिलेटर यूनिट में पीडि़ता व उनके वकील का इलाज चल रहा था। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि इलाज के बाद पीडि़ता की सेहत में सुधार हुआ था। मंगलवार को आंखे खोली। वह डॉक्टरों के इशारों को भी समझने की कोशिश की। दोपहर में सुप्रीम कोर्ट का आदेश करीब 2.50 पर प्राप्त हुआ। इसके बाद पीडि़ता को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू की गई।
वकील को भी करेंगे शिफ्ट
अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट तक पीड़ित युवती को पहुंचाने के लिए पुलिस अधीक्षक यातायात पुर्णेन्द्र सिंह ने ट्रामा सेंटर से लेकर एयरपोर्ट तक के रास्ते में 150 जवानों की मदद से ग्रीन कॉरीडोर बनाया। हर कदम पर यातायात पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। जैसे ही एम्बुलेंस ट्रामा सेंटर से पीड़ित युवती को लेकर निकली तो जगह-जगह तैनात जवानों ने यातायात प्रबन्धन किया और 39 मिनट के भीतर ही एम्बुलेंस को एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया।
ट्रामा सेंटर की ओर से इमरजेंसी एम्बुलेंस निकालने का पत्र मिला
पुलिस अधीक्षक यातायात पुर्णेन्द्र सिंह ने बताया कि हमें ट्रामा सेंटर की ओर से इमरजेंसी एम्बुलेंस निकालने का पत्र मिला था। जब भी इस तरह का पत्र मिलता है तो हम ग्रीन कॉरीडोर बनाते हैं। इसके लिए कम समय में सभी को सूचित किया गया। इसमें विशेष जवानों को भी लगाया गया था। फिलहाल पहली एम्बुलेंस से पीड़ित युवती को एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया है। अगली सूचना पर हम अधिवक्ता की एम्बुलेंस को भी निकालेंगे।