लखनऊ। अवंतीबाई महिला अस्पताल में सोमवार को एम्स में निर्मित सीपीएपी मशीन का ट्रायल किया गया। एम्स में निर्मित इस मशीन से नवजातों को ऑक्सीजन दिया जाएगा। इस मशीन का उपयोग नवजात को ओटी में सांस देने का काम किया जाता है। इस मशीन का ट्रायल एक माह तक अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) में होगा। इसके बाद इसकी सफलता दर को देखते हुए अन्य अस्पतालों में भी मशीन का प्रयोग होगा। डफरिन अस्पताल में इस सीपीएपी मशीन को एनएचएम की ओर से लगाया गया है।
शिशु को नहीं होगी तकलीफ
ओटी में नवजात शिशुओं को सांस लेने की तकलीफ पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी नवजात शिशुओं को एनआईसीयू में भर्ती कर वेंटिलेटर पर लिटाया जाता है। वेंटिलेटर पर ट्रैकिया में ट्यूब डालकर सांस दी जाती है, जिससे शिशु को काफी तकलीफ होती है। ट्रॉयल के लिए आई मशीन से डॉक्टरों ने बिना किसी ट्यूब के नाक के रास्ते से हल्के प्रेशर से नवजातों को ऑक्सीजन दी।
पैर से भी चला सकते हैं मशीन
अस्पताल के बाल रोग डॉ. मोहित ने बताया कि इस मशीन को डॉक्टर हाथ के बजाए पैर से भी चला सकते हैं। जिन बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते, उन्हें मशीन से धीरे-धीरे ऑक्सीजन दी जाती है। जिससे शिशु के फेफड़े को बढऩे में मदद मिलती है। यह मशीन वेंटिलेटर की अपेक्षा काफी बेहतर है।