लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में डॉक्टरों ने कुछ खास काम को अंजाम दिया है। 13 साल की आयु तक घर वालों को यह नहीं पता रहा कि वह लड़का है। घर वाले उसे लड़की की तरह पाल रहे थे। मासिक धर्म ना आने के चलतेे परिजन उसे लेकर एसजीपीआई में पहुंचे। यहां जांच में पता चला कि इसके जननांग तो लड़कों वाले हैं, जो अर्ध विकसित हैं।
यूरोलॉजी के वर्कशाप में विशेष केस के तौर पर शनिवार को सर्जरी कर शख्स के जननांग को लड़कों की तरह बनाया गया। अब यह सामाजिक और वैवाहिक जीवन पूरी जीने में सक्षम होगा। बताया जाता है कि सोम की मानसिक स्थित भी लड़कियों की तरह है। इसको बदलने के लिए हार्मोन थेरेपी ही कारगर होगी।
लिंग को प्लास्टिक सर्जरी से ठीक किया
पीजीआई के पीडियाट्रिक यूरोलॉजी के वरिष्ठ डॉ. एमएस अंसारी ने बताया कि करीब तीन माह पहले यह बच्चा ओपीडी में आया था। इसके बाद उसे ऑपरेशन की डेट दी गई थी। रविवार को आठ घंटे चली सर्जरी में पेशाब की थैली बनाई गई है। अब बच्चा सामान्य बच्चों की तरह पेशाब कर सकेगा। उसके लिंग को भी प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से ठीक किया गया है।
जन्मजात बनावटी विकृति
डॉ अंसारी ने बताया कि यह परेशानी जन्मजात बनावटी विकृति के कारण होती है। प्रो अंसारी के मुताबिक, पहले जागरूकता नहीं थी, जिसके कारण कई बार ट्रांसजेंडर मानकर लोगों को ऐसे ही जीवन बिताना पड़ता था। बता दें, वर्कशाप में अबतक 13 केस की सर्जरी की गयी हैं। जिसमें छह मामले डिसऑर्डर ऑफ सेक्सुअल डेवलपमेंट (ऐम्बिग्यूअस जेनेलिया) और पांच मामले हाइपोस्पेडियस के आये हैं। इसमें पेशाब का निकलने का रास्ता सही जगह पर नहीं होता है। इसके अलावा दो और अन्य मामलों की सर्जरी की गयी।