लखनऊ। आज के दौर में हमारी जीवनशैली बदल रही है। खासकर हमें वृद्धों की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम थोड़ा सा ध्यान दें तो हम प्रोस्टेट जैसी बीमारी से बच सकते हैं। यह बीमारी पुरुषों में ही होती है क्योंकि प्रोस्टेट ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में ही होती है। यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ हार्मोन में बदलाव के कारण होता है।
बता दें कि यह बीमारी यदि आनुवांशिक है तो परेशानी हो सकती है। इसमें बार-बार पेशाब आने की शिकायत होती है, कई बार तो ऐसा होता है कि हम पेशाब करने जाते तो हैं लेकिन यूरिन निकल नहीं पाता। 20 साल में कई शोध होने पर यह पता चला है कि यह प्रोस्टेट है। उक्त बातें प्रोस्टेट हेल्थ और समुदाय में इसकी जागरुकता लाने के लिए कैसरबाग स्थित एक होटल में कार्यशाला में केजीएमयू के यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर दिवाकर दलेला ने कही।
बीपीएच प्रोस्टेट कैंसर नहीं
प्रोस्टेटाइटिस और बेनाइन प्रोस्टैटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) पौरुष ग्रंथि के आम रोग है। इससे विश्व में लाखों पुरुष पीडि़त हैं। डॉक्टर दलेला ने बताया कि बीपीएच प्रोस्टेट कैंसर नहीं है और इसके होने का कारण भी नहीं है। बढ़ा हुआ (एनलार्ज) प्रोस्टेट पुरुष की यूरिन निकासी को प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्लैडर पर दबाव होता है या ब्लैडर संवेदनशील हो जाता है। इसमें व्यक्ति को यूरिन निकासी की तीव्र इच्छा होती है। अगर किसी को कैंसर का पता करना है तो पीएसए टेस्ट से पता चल जाएगा।
बेनाइन प्रोस्टैटिक हाइपरप्लासिया के लक्षण
बार-बार और जल्दी पेशाब आना, रात में बार-बार पेशाब का आना जिसे नोक्टुरिया भी कहते हैं, पेशाब करने में कठिनाई होती है, पेशाब करने में कमजोरी या रुक-रुक कर पेशाब आना, ब्लैडर पूरी तरह खाली न होना। अब बाजार में उच्च कोटि की दवाइयां भी मौजू हैं, जिससे हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
डॉक्टर ने यह कहा
डॉक्टर दलेला ने कहा कि इससे पीडि़त व्यक्ति के ब्लैडर की खुद को खाली करने की क्षमता नहीं होती है इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में यूरिन आने जैसा लगता है। उन्होंने बताया कि 70 साल और इससे अधिक आयु के पुरुष इससे सबसे अधिक पीडि़त होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार 40-49 साल के लिए 25 फीसदी, 50-59 साल के लिए 37 फीसदी, 60-69 साल के लिए 37 फीसदी और 70-79 साल के लिए 50 फीसदी होती है।
पेशाब को रोकें नहीं
कार्यक्रम में डॉक्टर दलेला ने बताया कि किसी को भी पेशाब रोकना नहीं चाहिए। इससे भी समस्या हो सकती है। थैली में पेशाब रुका रहता है। कभी-कभी यह गुर्दे में भी पहुंच जाता है और मरीज को पता भी नहीं चलता है। इससे परेशानी और भी बढ़ जाती है।
डॉक्टर ने बताए उपाए
वृद्ध सोने से ठीक पहले पानी या दूध पीने से बचें, ऐसा नहीं करने से बार-बार यूरिन के लिए जाना पड़ेगा। यदि वजन ज्यादा है तो प्रोस्टेट की संभावना 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। सुबह की सैर करें। जीवनश्ैाली में थोड़ा बदलाव लाएं।