लखनऊ। अनचाहे बच्चों को रोकने एवं दो बच्चों के बीच अन्तर को बनाये रखने के लिये 64 फीसदी आबादी गर्भनिरोधक की कोई न कोई विधि का उपयोग करती है। हैल्थकेयर कम्युनिकेशंस कंपनी आईजेसीपी ग्रुप तथा एकेडमी फॉर कंटीन्यूड हैल्थकेयर लर्निंग द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के मुताबिक गर्भनिरोधकों मे΄ ओरल कोंट्रासेप्टिव गोलियां और कंडोम अभी भी लोकप्रिय बने हैं।
इस सर्वेक्षण के परिणामो΄ के आधार पर गर्भनिरोधक पर इंफॉम्र्ड डिसीजन लेने की आवश्यकता के बारे मे΄ जागरुकता बढ़ाने के लिए आईजेसीपी समूह ने इस इनिशिएटिव के तहत एजूकेशनल मॉड्यूल विकसित करने के लिए एसीएचएल और इ΄डियन मेडिकल एसो. नई दिल्ली शाखा के साथ भागीदारी की है।
एक विशेषज्ञ से संपर्क करें
फॉग्सी की प्रेसीडे΄ट डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि हर उम्र में और जीवन के प्रत्येक चरण मे΄ अलग गर्भनिरोधक प्रयोग होते हैं इसलिए हमे΄ इसे इंडिविजुएलाइज करने की आवश्यकता है। इसके साथ उपयोगकर्ता को कम समय या लंबे समय के गर्भनिरोधक के बारे में भी विचार करना चाहिए। आज हमारे पास एक संपूर्ण कैफेटेरिया एप्रोच है, जिसे रोगी के लिए खास तरह से बनाया जा सकता है, किसी भी घटना के लिए अनुकूलित किया जा सकता है, साथ ही ल΄बे समय के दुष्प्रभावो΄ को पूरी तरह से कम किया जा सकता है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक रोगी अपने परिवार मे΄ अपनाए जाने वाले किसी विशेष गर्भनिरोधक पर निर्णय लेने के लिए एक फैमिली डॉटर या एक विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सर्वेक्षण का उद्देश्य
मौजूदा गर्भ निरोधक तरीकों के बारे मे΄ जागरुकता एव΄ ज्ञान का आंकलन करना और शादीशुदा जोड़ों व महिलाओं को सलाह देते समय चिकित्सकों के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाना है। यह सर्वेक्षण गर्भनिरोधक की पसंदीदा विधि, मौजूदा गर्भनिरोधकों के बारे में गलत धारणाओं और इस बात का पता लगाने के लिए किया था कि गर्भनिरोधक चुनते समय उन्हें किसी सा΄स्कृतिक या धार्मिक बाधा का सामना तो नही करना पड़ता है। इसमें 15 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को शामिल किया गया।
गर्भनिरोधक सलाह का पालन किया जाये
फॉग्सी की प्रेसीडेंट इलेट डॉ. न΄दिता पालशेटकर ने कहा कि गर्भावस्था और अनचाही स΄तान की चिंता से बचते हुए यौन जीवन का आनंद लेने के लिए यह जरूरी है कि सुरक्षित और प्रभावी गर्भनिरोधक सलाह का पालन किया जाये। इसमें गर्भनिरोधक के बारे मे΄ इन्फॉम्र्ड डिसीजन लेने में सक्षम होना भी शामिल है।