लखनऊ। मासिक धर्म एक प्राकृतिक एवं सामान्य प्रक्रिया है जिसके साथ बहुत सारी भ्रांतियां एवं मिथक जुड़े हुए हैं जो युवा महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। लड़कियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किशोरावस्था से ही शुरू हो जाना चाहिए। मासिक चक्र की शुरुआत 11 से 13 वर्ष की किशोरियों में होती है। उक्त बातें लोहिया महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सरिता सक्सेना ने जागरुकता कार्यक्रम में कही।
मासिक धर्म के बारे में खुल कर चर्चा की
रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ ने बुधवार को हेल्थ एंड हाइजीन पर गोमती नगर स्थित टीडी गल्र्स इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों के बीच एक जागरुकता कार्यक्रम रखा जिसमें महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म के बारे में खुल कर चर्चा की गयी। सभी बालिकाओं ने प्रश्न उत्तर में बढ़-चढ़कर भाग लिया और तरह तरह के सवालों के जरिये अपनी समस्याओं का समाधान पाया।
प्रशिक्षित किया जाना जरूरी
डा. सरिता सक्सेना ने कहा कि मासिक धर्म का अशुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन साफ-सफाई का खास ध्यान और किशोरी को आराम देने की जरूरत होती है। प्रत्येक लड़की को उनके स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। इस सन्दर्भ में उन्हें एनीमिया, यौन स्वास्थ्य, आत्म रक्षा इत्यादि के विषय में जानकारी दी जानी चाहिए। क्लब की महिलाओं ने सभी छात्राओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन के पैकेट बांटे।
इन्होंने यह कहा
रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ की अध्यक्ष भारती गुप्ता ने विद्यार्थियों को पीरियड्स के दौरान कैसे रहना चाहिए और उससे संबंधित कई समस्याओं को कैसे पार करना चाहिए समझाया और बताया कि पीरियड होने से ही सृष्टि की रचना संभव है।
स्वच्छ रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे
इसके साथ ही डॉ सरिता ने बताया कि इस दौरान स्वच्छता पर भी हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि हम स्वच्छ रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने महिलाओं में होने वाली छोटी-छोटी बीमारियां, जो अस्वच्छता के कारण हो जाती हैं उनसे निजात पाने के उपाय बताए। हाथ कैसे साफ करना चाहिए, उसके भी तरीके बताएं।
ये थे मौजूद
कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त सदस्यों के अलावा सृजन फाउंडेशन से अमृत सिंह, रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ की सदस्य आरती मोहन, सचिव- नरेश अग्रवाल, अपर्णा सिंहा इत्यादि उपस्थित थे।