लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में गड़बड़ी कर एक करोड़ रुपए निकालने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि एशिया के सबसे बड़े किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के बैंक खाते से दो करोड़ 60 लाख रुपए निकालने का मामला सामने आ गया। हालांकि बैंक की सतर्कता के चलते चेक से भुगतान नहीं हो सका। भुगतान ना होने का कारण यह था कि इस चेक पर केजीएमयू के पूर्व के अफसरों के हस्ताक्षर थे।
दो करोड़ 60 लाख का था चेक
इस मामले की जानकारी केजीएमयू प्रशासन को लगी तो मामले की जांच शुरू की गई। गौरतलब है कि केजीएमयू परिसर में ही इलाहाबाद बैंक की शाखा में खाता है। इस बैंक के खाते में एक अक्टूबर को आईसीआईसीआई बैंक का एक चेक लगाया गया। यह चेक दो करोड़ 60 लाख का था। चेक पर केजीएमयू के पूर्व के वित्त नियंत्रक मुकुल अग्रवाल और वरिष्ठ एकाउंटेंट आरपी व्यास का हस्ताक्षर था। बैंक के अफसरों को पता था कि दोनों अफसर अब नहीं हैं। लिहाजा बैंक ने चेक रोककर केजीएमयू प्रशासन को बताया। साथ ही इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक को भी जानकारी दी।
आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों से जानकारी मांगी
जब जांच पड़ताल की गई तो यह बात सामने आई कि जिस नंबर का चेक भुगतान के लिए लगाया गया है वह अगस्त में जारी किया जा चुका था। मामला पकड़ में आते ही भुगतान रोक दिया गया। इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कार्रवाई होनी है। अभी बैंक और केजीएमयू प्रशासन भी अपने स्तर से जांच कर रहा है। इलाहाबाद बैंक शाखा के मैनेजर अभिलाषित कौशल ने बताया कि चेक के संबंध में आईसीआईसीआई बैंक के आला अफसरों से जानकारी मांगी गई।