लखनऊ। एनएचएम संविदा कर्मियों और आशा बहुओं का गुस्सा अपनी मांगों को लेकर बुधवार को फूट गया। एक साथ सैकड़ों की संख्या में ईको गार्डेन में संविदा कर्मियों का समायोजन, पदों का सृजन, समान कार्य समान वेतन एवं मानव संसाधन नीति समेत मांगों को लेकर हुंकार भरी। इस दौरान सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि मांगे पूरी नहीं हुईं तो इसी तरह प्रदर्शन जारी रहेगा।
ये कहा नेताओं ने
प्रदेश भर से पहुंचे कर्मचारियों का कहना है दो माह पहले ही मांगों को पूरा करने का दिलासा मिला था, लेकिन अभी तक सरकार से राहत नहीं मिली। उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर मंयक प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश भर में करीब 75 हजार संविदा कर्मचारी और दो लाख आशा बहुएं हैं। अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मियों और आशा बहुओं ने 17 नवम्बर 18 को ज्ञापन दिया था। इस पर उनकी मांगों को एक माह के भीतर ही पूरा करने की बात कही गई थी। प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष सोनिका सिंह, उपाध्यक्ष अमित चौहान, संगठन मंत्री मोहसिन सईद, सुशील कटियार समेत सैकड़ो संविदा कर्मचारी मौजूद रहे।
आकस्मिक सेवाओं को भी बाधित करने की चेतावनी
महामंत्री डॉ. आईएम तव्वाब का कहना है कि 21 जनवरी से सभी सीएमओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है। अब कार्य बहिष्कार करके वह प्रदर्शन करेंगे। यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो सड़क पर भी उतरेंगे। जिला अध्यक्ष सोनिका सिंह ने कहा कि जनवरी में हुई वार्ता विफल हो गई। इसके बाद से एनएचएम सेवाएं बंद कर दी गई। अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो संघ आकस्मिक सेवाओं को भी बाधित कर देगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
ये हंै मांगे
समान कार्य-समान वेतन एवं विशिष्ट सेवा नीति, आउट सोर्सिंग, ठेका प्रथा पर रोकथाम, समस्त निष्कासित 15 सदस्यों की बहाली, संविदा कर्मियों का स्थानीय समायोजन व नवीन पद सृजन, आशा कार्यकर्तियों को आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री की भांति कम से कम 10 हजार मानदेय देकर कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए, संविदा कर्मचारी के मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी और लायल्टी बोनस।