डॉक्टरों की नियुक्ति से आयुष विभाग में मरीजो को मिलेगी सुविधाएं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद आयुष चिकित्सा को पटरी पर लाने के लिए पिछले एक वर्ष में काफी काम किया गया है। प्रदेश में संचालित 1575 राजकीय होम्योपैथिक डिस्पेंसरी में आयुष विभाग द्वारा दवाओं की कमी को दूर करने से लेकर इन चिकित्सालयों का उच्चीकरण किया गया है व उक्त चिकित्सालयों में उपचार संबंधी उपकरण व डिस्पेंसरी को आधुनिक करने के लिए इलेट्रानिक उपकरण दिये गये हैं।
योग वेलनेस सेण्टर भी शुरू किया
वहीं 9 राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालयों में लेक्चर रीडर एवं प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है, जिससे कि मरीजों को डॉटरों की कमी का सामना नही΄ करना पड़ रहा है। 2018 मे΄ डिस्पेंसरी, महाविद्यालय इनमें मिलाकर कुल 2,72,67,619 मरीज देखे गये हैं। वहीं शिक्षकों की रिक्त संख्या पूरी होने से लखनऊ एवं प्रयागराज के राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय में परास्नातक कोर्स भी प्रारंभ हो गये हैं। प्रदेश के 28 राजकीय होम्योपैथिक डिस्पेंसरी में योग वेलनेस सेण्टर शुरू किया गया है जो बलिया, गोरखपुर, बलरामपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज, लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, हरदोई, उन्नाव समेत अन्य जिलों में हैं। क्योंकि
योग से दुष्प्रभाव नहीं
पिछले एक वर्ष में 77,479 मरीजों ने योग का लाभ लिया है वहीं 75 जनपदों में योग पखवाड़ा मनाया गया। इसमें 94,619 आम जन ने भाग लिया गया। योग वेलनेस सेंटर खोलने का उद्देश्य यह है कि मरीजों को आयुष विधा के प्रति जागरूक करना साथ ही योग के जरिये उनको स्वस्थ्य और निरोग रखना।
क्योंकि आधुनिक जीवन शैली के कारण पेट संबंधी समस्या, तनाव, मोटापा, मधुमेह एवं अन्य बीमारियों से परेशान है। विशेषज्ञ की माने तो योग एक ऐसी विधा है जिससे बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है वहीं उसके दुष्प्रभाव नहीं है। योग वेलनेस सेंटर खुलने से 56 लोगों को रोजगार मिला है जिसमें 28 योग प्रशिक्षक एवं 28 योग सहायक।
मरीजों को किया जागरूक
जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों की दिशा-निर्देश में प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों घर-घर तक आयुष आपके द्वार कैंप लगाकर जनमानस को होम्योपैथिक उपचार द्वारा लाभांवित किया गया। आयुष आपके द्वार एक ऐसी योजना है जिससे लोगों में होम्योपैथी विधा के प्रति विश्वास बढ़ा। संबंधित राजकीय चिकित्सालयों के चिकित्सकों ने गांव में जाकर मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया, दवाई वितरित की व गंभीर बीमारियों के प्रति उनको जागरूक किया। 2018 में आयुष आपके द्वार द्वारा 5,68,733 मरीज देखे गये हैं।
221 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों का उच्चीकरण
प्रदेश के जर्जर 221 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों का उच्चीकरण किया जा रहा है। इसमें से 77 राजकीय चिकित्सालयो΄ का उच्चीकरण के उपरांत विभाग को हस्तगत किया जा चुका है। इन भवनों का सुदृढ़ीकरण होने से मरीजों का चिकित्सालय में बेहतर इलाज मिल सकेगा और होम्योपैथी विधा के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालयों में संविदा पर 130 लेक्चर, 42 रीडर और 37 प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है और आंकड़ों की माने तो पुराने कई वर्षों की तुलना में रोगियों की संख्या बढ़ी है।
5 एकड़ की जमीन में बन रहे हर्बल गार्डन की बाउण्ड्री
प्रदेश का पहला होम्योपैथिक हर्बल गार्डन लखनऊ मे΄ बनाया जा रहा है। 5 एकड़ की जमीन में बन रहे हर्बल गार्डन की बाउण्ड्री का निर्माण पूरा हो गया है। इसमें 268 प्रकार की मेडिसिन प्लाण्ट लगाने की पहल की गयी है, जिससे भविष्य में होम्योपैथिक के टिन्चर एवं दवाएं इत्यादि बनायी जा सकेंगी। अभी तक होम्योपैथिक हर्बल गार्डन न होने से दूसरी दवा कंपनियो΄ से दवाइयों की खरीद-फरोख्त की जाती है। इस हर्बल गार्डन के बनने से यह फायदा होगा कि आयुष विभाग स्वयं होम्योपैथिक दवाइयों का निर्माण कर सकेगा।
इन्होंने यह कहा
उप्र राज्य आयुष सोसाइटी के कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद ने बताया कि होम्योपैथिक आधुनिक विधा है। आयुष विभाग मरीजों के इलाज की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। सरकार द्वारा राजकीय होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों के लिए करीब 600 पद भरे जाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही भविष्य में आयुष विभाग द्वारा अन्य सुविधाओं को भी बढ़ाया जायेगा।