लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी देते कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपर निदेशक एवं संयुक्त निदेशक को माह में दो बार आवंटित जनपदों का दौरा करने और विस्तृत रिपोर्ट को मिशन निदेशक को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया। उक्त निर्देश नीति आयोग द्वारा चिन्हित उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं एवं चिकित्सा सुविधाओं की प्रगति समीक्षा के दौरान दी।
50 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर क्रियाशील
सिंह स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवर को योजना भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में नीति आयोग द्वारा चिन्हित उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जनपदों के अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि सभी महत्वाकांक्षी आठ जनपदों में प्रस्तावित 50 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर क्रियाशील किये जा चुके हैं।
ये थे मौजूद
समीक्षा बैठक में सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी, मिशन निदेशक पंकज कुमार, विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. नीरज शुक्ला, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पद्माकर सिंह, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक एवं महत्वाकांक्षी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई
उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी जनपदों में पहले चिकित्सकों की तैनाती 50 फीसदी से भी कम थी जिसे बढ़ाकर 80 फीसदी डॉक्टर्स की तैनाती की गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते कहा आवंटित महत्वाकांक्षी जिलों में दवाइयों की उपलब्धता, स्पेशलिस्ट चिकित्सक, एम्बुलेंस सर्विस, आशा कार्यकत्रियों को सही प्रशिक्षण जैसे प्रमुख विषयों पर समीक्षा करते हुए रिपोर्ट मुख्यालय को प्रेषित करेंगे। साथ ही निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं एवं योजनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष योजना के अंतर्गत सघन अभियान चलाकर सभी महत्वाकांक्षी 8 जनपदों के 5130 गांवों में 1 लाख 36 हजार 200 बच्चों एवं 44 हजार 589 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया है।