लखनऊ। पहाड़ों की ऊंचाई हो या समुद्र की गहराई आपका दिल हमेशा धड़कना चाहिए। मौसम का परिवर्तन भी कभी-कभी हमारे दिल को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। अचानक आई दिल की बीमारी से बचने का सिर्फ एक मात्र साधन है कि उस व्यक्ति को प्राथमिक उपचार मिले। इन्हीं बातों को लेकर ‘सी टू स्काईÓ कैंपेन के संचालक डॉ. हितेंद्र महाजन गुरुवार को लखनऊ के गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान पहुंच रहे हैं।
बचायी जा सकती है जान
यहां पर एक आयोजित कार्यक्रम में वे सडेन कार्डिक अरेस्ट पर लोगों को संबोधित करेंगे और वे बताएंगे कि किसी भी व्यक्ति को अगर दिल की बीमारी है तो उसको दिए जाने वाला प्राथमिक उपचार में सहायता करने वाला व्यक्ति अगर उस मरीज के मुंह से मुंह मिलाकर सांस नहीं देना चाहता है तो कोई बात नहीं, उसकी छाती को ही दबाकर भी उसकी जान बचायी जा सकती है। यह जानकारी संस्थान के मीडिया प्रवक्ता डॉ. भुवन तिवारी ने दी है।
एक घंटा सुनहरा होता है
गौरतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को सडेन कार्डिक अरेस्ट हुआ है, ऐसे में उसके लिए शुरुआत का एक घंटा सुनहरा होता है, इस एक घंटे में मरीज को न सिर्फ डॉक्टर के पास पहुंचाना है बल्कि डॉक्टर के पास पहुंचने तक उसे प्राथमिक उपचार भी देना चाहिये जिससे मरीज की जान बचाई जा सके।