लखनऊ। इंटास एवं रिलायंस ग्रुप के साथ एक एमओयू साइन किया है। जिसकी अवधि एक साल की है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने प्रदेश के 41 ब्लड बैंकों को चुना है। इनमें केजीएमयू, लोहिया और बलरामपुर के ब्लड बैंक भी शामिल हैं। इसके तहत अब प्लाज्मा की तमाम गंभीर बीमारियों में प्रयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाइयां मिल सकेंगी।
दोनों कंपनियों को एमओयू के तहत 50-50 प्रतिशत प्लाज्मा की हिस्सेदारी दी गई है। एमओयू साइन किए गए 41 ब्लड बैंकों में राजधानी स्थित केजीएमयू, लोहिया और बलरामपुर के ब्लड बैंक शामिल हैं।
प्लाज्मा वेसटिंग से बचा जा सकेगा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की ओर से साल 2010-11 में प्लाज्मा से जीवन रक्षक दवाइयां बनाने के लिए कंपनियों से एमओयू साइन किया गया है। ऐसा करने से फायदा यह होगा कि प्लाज्मा वेसटिंग से बचा जा सकेगा। इस बारे में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की संयुक्त निदेशक डॉ. गीता अग्रवाल ने बताया कि एमओयू में उन्ही कंपनियों को प्राथमिकता दी जाती है, जो केवल भारत में ही प्लाज्मा से जीवनरक्षक दवाइयां बनाकर मरीजों को उपलब्ध कराती हैं।
इन रोगों की बनती है दवाएं
लिवर से प्रोटीन का टपकना, लकवा होनास सेप्टीसीमिया और किसी गंभीर संक्रमण के दौरान एलुबिनम और इम्यूनोग्लोब्यूलिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनके लिए दवाएं अब तक विदेशों से मंगवाई जाती थीं, जिससे कि इनकी कीमत बहुत ज्यादा थी। अब भारत में यह दवाइयां मिलने के बाद अब इनकी कीमत सस्ती पड़ रही है।