लखनऊ। केजीएमयू में न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर की पदोन्नति को लेकर नया बखेड़ा छिड़ गया है। इस मामले को लेकर राज्यपाल से शिकायत भी की गई है। आरोप है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नौकरी के अनुभव प्रमाण पत्र को नियम के अनुरूप इस्तेमाल नहीं किया गया, जो कि केजीएमयू एक्ट के खिलाफ है। इस अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर पदोन्नति में गड़बड़झाले की शिकायत निराला नगर के एक व्यक्ति ने राजभवन में की।
पूरे मामले की आख्या मांगी
वहीं राज्यपाल कार्यालय ने केजीएमयू से पूरे मामले की आख्या मांगी है। केजीएमयू में जांच के नाम पर तमाम मामलों में खानापूर्ति हो रही है। राज्यपाल कार्यालय के निर्देश के बाद भी केजीएमयू में डॉक्टरों की पदोन्नति के मामले की जांच में अफसर सुस्ती दिखा रहे हैं।
इन्होंने यह कहा
वहीं इस मामले पर केजीएमयू के प्रवक्ता ने कहा कि डॉक्टरों की पदोन्नति संबंधी अधिकार विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निकाय कार्य परिषद का होता है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, एम्स व पीजीआई के निदेशक जैसे कई व्यक्ति होते हैं। न्यूरोलॉजी के मामले में शिकायतकर्ता द्वारा शपथ पत्र के साथ तथ्य प्रस्तुत नहीं किए गए। कुलसचिव ने राज्यपाल कार्यालय को आख्या प्रेषित कर दी है।