लखनऊ। महर्षि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश एवं राजकीय राजीव गांधी इंजीनियरिंग कालेज, कांगडा, हिमांचल प्रदेश के बीच सोमवार को एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। एमओयू हस्ताक्षरित होने के बाद तकनीकी विकास के लिए छात्र-छात्राएं अब एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जा कर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
छात्र-छात्राओं को पढ़ा सकेंगे फैकल्टी
विश्व बैंक के सहयोग से देश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) को आगे बढ़ा रही है। वहीं फैकल्टी भी इस एमओयू के तहत एक-दूसरे के संस्थान में छात्र-छात्राओं को पढ़ा सकेंगे। इसके साथ ही समय-समय पर स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम व रिसोर्स भी एक दूसरे से साझा किये जायेगें।
ये थे मौजूद
दोनों संस्थानों के बीच इस करार के दौरान मुख्य रूप से राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक प्रो. डीपी तिवारी, महर्षि विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अखण्ड प्रताप सिंह, प्रो. एन.के. चतुर्वेदी, प्रो. हरीश द्विवेदी, प्रो. मधुलिका सिंह व अरविन्द सक्सेना मौजूद रहे। कुलसचिव प्रो. अखण्ड प्रताप सिंह ने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी और कहाकि इस करार से विश्वविद्यालय को नई दिशा मिलेगी। सिंह ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय के विकास में विश्व बैंक के प्रोजेक्ट की अहम भूमिका होगी।