लखनऊ। लोहिया अस्पताल के विलय का अभी और इंतजार करना पड़ेगा। गौरतलब है कि अस्पताल का 20 सितंबर को ही संस्थान में विलय होना था। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टरों और कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
कार्यमुक्त नहीं किया
लोहिया अस्पताल का लोहिया संस्थान में विलय करके संयुक्त चिकित्सा शिक्षा संस्थान बनाने का निर्णय पांच साल पहले हुआ था। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने 27 अगस्त 2019 को विलय संबंधी शासनादेश किया। अभी अस्पताल का विलय संस्थान में होने में स्वास्थ्य विभाग की अड़चन पैदा कर रहा है। अस्पताल से संस्थान को मिलने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने कार्यमुक्त नहीं किया है। जबकि 20 सितंबर को विलय कर संस्थान का संचालन करना था।
अगली तारीख पर विचार चल रहा
लोहिया अस्पताल में 187 स्थायी कर्मचारी हैं। इसमें से 123 कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर लोहिया संस्थान में तैनात होंगे। करीब 90 डॉक्टर भी प्रतिनियुक्त पर लिए जाएंगे। इसके अलावा संविदा व एनएचएम के पांच सौ कर्मचारी काम करते रहेंगे। लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि लोहिया अस्पताल को हैंडओवर की अगली तारीख पर विचार चल रहा है।