लखनऊ। इंदिरानगर निवासी गोमती वर्मा 75 ने जीते ज्ञान का उजियारा फैलाया। बच्चों को शिक्षा देने में अपना जीवन गुजारा। निधन के बाद उनकी देह पढऩे व शोध के काम आएगी। रविवार को मृत्यु के बाद उनकी इच्छानुसार परिवारीजनों ने केजीएमयू एनॉटमी विभाग में देहदान की प्रक्रिया पूरी कराई।
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित
इंदिरानगर निवासी गोमती वर्मा पेशे से शिक्षिका थीं। पति सुरेंद्र नाथ वर्मा इंटेलिजेंस ब्यूरो से सेवानिवृत अफसर हैं। सुरेंद्र नाथ को राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा जा चुका है। गोमती वर्मा के दो बेटे हैं। कुमार गौरव व कुमार सौरभ सॉ टवेयर इंजीनियर हैं। सौरभ ने बताया कि मां जी को सांस व दिल की बीमारी थीं। दोपहर साढ़े 12 बजे माता जी का निधन हो गया है। मां की इच्छा थीं देह व अंगदान की। उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए केजीएमयू की टीम को फोन पर सूचना दी गई।
दो लोग देखेंगे
इसके बाद एनॉटमी व नेत्र रोग विभाग की टीम आई। एनॉटमी विभाग ने देहदान की प्रक्रिया पूरी कराई। सौरभ ने बताया कि नेत्र रोग विभाग की टीम ने कॉर्निया ली। अब कार्निया से दो नेत्रहीन लोगों की जिंदगी में उजियारा होगा। एनॉटमी विभाग के कार्यालय प्रभारी एसके पांडेय ने बताया कि मेडिकल छात्र देह पर पढ़ाई करेंगे। शोध भी करेंगे।