लखनऊ। आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि 2016 में विश्व में लगभग 21 करोड़ लोग मलेरिया से ग्रस्त थे जिनमें से करीब 4 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मलेरिया, जो कि किसी अन्य सामान्य रोग के समान सर्दी एवं जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों के साथ शुरू होता है लेकिन दिमाग पर इसका प्रभाव होने से सेरिब्रल मलेरिया का रूप ले सकता है।
उक्त बातें रिवर बैंक कॉलोनी स्तिथ आईएमए भवन के सभागार में विश्व मलेरिया दिवस पर संगोष्ठी एवं प्रेस वार्ता का आयोजन में कही गई। इस दौरान में आईएमए के पदाधिकारी सहित सदस्य एवं अन्य लोग मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश के मलेरिया एवं वेक्टर कण्ट्रोल के संयुक्त निदेशक डॉ. ए.के. शर्मा ने बताया कि 2017 में उत्तर प्रदेश में मलेरिया के 32,342 मरीजों में पॉजिटिव पाया गया व 2018 में अभी तक लगभग 2129 मरीजों में पॉजिटिव मिले हैं।
आईएमए लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष एवं पैथोलोजिस्ट डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि मलेरिया की जांच के लिए एंटीजन आधारित जांच जारी है।
इस अवसर पर केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. एके सालवनी ने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए वैक्सीन पर भी शोध किया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने लगाए गए शिविर में निर्वाण हॉस्पिटल के सभी मरीजों, बुखार पीडि़तों की जांच की और दवा वितरण कर संभावी मरीजों को जांच के लिए भेजा गया। आईएमए लखनऊ के सचिव डॉ. जेडी रावत ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. मनोज अस्थाना, डॉ. जीपी सिंह, डॉ. मो. अलीम सिद्दीकी, डॉ. सुमीत सेठ, डॉ. वारिजा सेठ, डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डॉ. अनिमेष रावत, डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. सुधीर पाण्डेय, डॉ. रत्ना पाण्डेय एवं अन्य लोग मौजूद थे।