न्यूयार्क। क्या आप मीट खाते हैं अगर नहीं तो कोई बात नहीं। लेकिन आपका जवाब हां में है तो एक सप्ताह में कितने दिन खाते हैं। क्या आपको पता है कि इससे मानसिक तनाव भी होता है। जी हां यह बिल्कुल सच है।
हफ्ते में तीन बार से कम मीट खाने और कम व्यायाम करने वाले युवा वयस्कों में मानसिक तनाव होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। वयस्कों 30 साल से ज्यादा की मानसिक सेहत कॉफी और कार्बोहाइड्रेट के नियमित सेवन के प्रति ज्यादा संवेदनशील प्रतीत होती है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि युवा वयस्कों 18-29 साल का मिजाज ऐसे भोजन पर निर्भर होता प्रतीत होता है जो न्यूरोट्रांसमिटर प्रकर्सर की उपलब्धता एवं सांद्रता बढ़ाते हैं। अमेरिका की बिंगहैम्टन यूनिवर्सिटी की लीना बेगडेक ने बताया, युवा वयस्कों का मिजाज मस्तिष्क रसायनों में इजाफे के प्रति संवेदनशील प्रतीत होता है। शोधकर्ता ने कहा कि मीट का नियमित सेवन दो तरह के मस्तिष्क रसायनों सेरोटोनिन और डोपामाइना में इजाफा करता है जो मिजाज अच्छा करने के लिए जिम्मेदार होता है। नियमित व्यायाम इनमें और अन्य न्यूरोट्रांसमिटर में वृद्धि करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो युवा वयस्क जो हफ्ते में तीन बार से कम मीट का सेवन करते हैं और तीन बार से कम व्यायाम करते हैं उनमें अधिक मानसिक तनाव देखा गया। परिपद्र वयस्कों का मिजाज उन भोजन पर ज्यादा निर्भर होता है जो एंटीऑक्सिडेंट की उपलब्धतता को बढ़ाते हैं।