लखनऊ। होम्योपैथिक चिकित्सकों ने राजनीतिक दलों से आगामी लोक सभा चुनाव के घोषणा पत्र/वचन पत्र में होम्योपैथी के विकास के मुद्दे को शामिल कर होम्योपैथी के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की अपील की है। रिसर्च सोसाइटी ऑफ होम्योपैथी के सचिव एवं केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने राजनीतिक दलों को इस संबंध में पत्र भेजे हैं।
जनस्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहिए
रिसर्च सोसाइटी आफ होम्योपैथी के सचिव एवं केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने राजनीतिक दलों को भेजे पत्र में कहा है कि प्रत्येक राजनीतिक दल के चुनाव घोषणा पत्र में स्वास्थ्य नीति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। उन्होंने भेजे गए पत्र में मांग की है कि प्रत्येक राजनीतिक दल के चुनावी घोषणा पत्र में स्वास्थ्य नीति का अहम स्थान देना चाहिए। पार्टी को जनस्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि भारत में वर्तमान में प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों में होम्योपैथी सरल, सुलभ, दुष्परिणाम रहित, अपेक्षाकृत कम खर्चीली एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने वाली पद्धति है।
ये हैं मांगें
होम्योपैथी के विकास के लिये स्थायी राष्ट्रीय होम्योपैथी विकास नीति बनाने, प्रत्येक 20 हजार की आबादी पर एक होम्योपैथी डॉक्टर की नियुक्ति करने, नए होम्योपैथिक डॉक्टरों को क्लीनिक/अस्पताल खोलने के लिए आसान शर्तों पर अनुदान/ऋण दिए जाने, होम्योपैथिक डॉक्टरों और शिक्षकों को एलोपैथी के समान वेतन, भत्ते, प्रोन्नति एवं अन्य सुविधाएं देने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत होम्यापैथिक डॉक्टरों को एलोपैथी के बराबर मानदेय एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने, होम्योपैथी के विकास एवं अनुसंधान पर चिकित्सा बजट का 20 फीसदी तक खर्च करने, होम्योपैथी चिकित्सा के अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए बजट की राशि को बढ़ाए जाने, राष्ट्रीय आयुष मिशन में होम्योपैथी को 50 फीसदी भागीदारी देने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सफलता के लिये स्वास्थ्य योजनाओं में होम्योपैथी की भागीदारी सुनिश्चित करने, निजी डॉक्टरों का वकीलों की भांति बीमा करने एवं आकस्मिक मृत्यु पर 10 लाख रूपए देने, निजी कालेजों के स्नातक एवं परास्नातक छात्रों को स्टाइपेन्ड एवं छात्र वेतन देने, होम्योपैथी डॉक्टरों को क्लीनिक इस्टेब्लिसमेंट एक्ट से अलग रखने एवं केंद्र सरकार के समस्त विभागों, उपक्रमों स्वायत्तशासी संस्थाओं में होम्योपैथी डॉक्टरों की नियुक्ति करने आदि मांग शामिल है।