लखनऊ। केजीएमयू में अब जल्द ही मरीजों को और बेहतर सुविधा देने के लिए नई एमआरआई मशीन स्थापित की जा रही है। इस नई एमआरआई मशीन की कीमत करीब छह करोड़ रुपये है। वहीं पुरानी मशीन जो पीपीपी मॉडल पर लगी थी उसे हटाने का काम शुरू हो गया है। उसकी जगह पर नई मशीन स्थापित की जाएगी। इस नई माशीन के लग जाने से सिर, घुटने व ट्यूमर के प्रकार का अब और आसानी से पता लगाया जा सकेगा। केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार का कहना है कि 20 से 25 दिन के भीतर नई मशीन स्थापित हो जाएगी।
मरीज को दवा देने की जरूरत नहीं
केजीएमयू में रेडियोलॉजी विभाग के सामने पीपीपी मॉडल पर एमआरआई मशीन काफी पुरानी हो गई है। डॉक्टरों ने संस्था से नई मशीन लगाने को कहा। इसके बाद संस्था ने नई मशीन लगाने का फैसला किया। अधिकारियों का कहना है कि स्थान की कमी है। इस वजह से मशीन को खोलकर निकाला जा रहा है। इसी तरह नई मशीन लगाई जाएगी।
नई एमआरआई मशीन में कई सुविधाएं भी होंगी। अधिकारियों के मुताबिक मरीज मशीन के भीतर जाता है उसका आकार बड़ा होगा। इससे मरीज को घबराहट नहीं होगी। वहीं मर्ज पकडऩे के लिए कन्ट्रास्ट दवा इंजेक्शन के माध्यम से देनी पड़ती थी। नई मशीन में मरीज को दवा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एंजियोग्राफी भी संभव
गुर्दे की एंजियोग्राफी भी मुमकिन होगी। इतना ही नहीं दिमाग में मौजूद फाइबर की मात्रा का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। घुटने के जोड़ में दर्द से पीडि़तों की जांच भी होगी। जोड़ के बीच मौजूदा कॉर्टिलेज की स्थिति का भी पता लगाया जा सकेगा। लिवर संबंधी बीमारी की भी पहचान होगी। शरीर के विभिन्न अंगों में पनपे ट्यूमर के प्रकार का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा। आंतों की बीमारी भी मशीन पकड़ेगी।