लखनऊ। केजीएमयू में स्क्रीनिंग कमेटी सवालों के घेरे में है। इस बात का खुलासा चिकित्सा उपाधीक्षक पद को लेकर हुआ है। हालांकि गड़बड़ी का पता चलते ही भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। यहां नया मामला यह आया है कि एक महिला ने तीन ही साल में बीएड, एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली। ताज्जुब की बात तो यह है कि स्क्रनिंग कमेटी ने इस महिला अभ्यर्थी का आवेदन निरस्त नहीं किया।
दोबारा विज्ञापन जारी कर दिया
जानकारी के अनुसार केजीएमयू में चिकित्सा उपाधीक्षक पद के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके लिए केजीएमयू प्रशासने ने नॉन मेडिकल पद के लिए पहले 10 साल का अनुभव मांगा था। अंतिम तिथि खत्म होने के ठीक पहले के अनुभव को खत्म करके दोबारा विज्ञापन जारी कर दिया गया। इसके बाद कुछ लोगों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बताया कि आवेदन निरस्त नहीं किया जाना यह साबित करता है कि स्क्रीनिंग कमेटी गड़बड़ी कर रही थी। अब स्क्रीनिंग कमेटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।