लखनऊ। राजभवन में शुक्रवार को राज्यपाल राम नाईक ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास की अद्र्धवार्षिक पत्रिका ‘सेवा चेतना योग विशेषांकÓ का विमोचन किया। राज्यपाल ने विशेषांक विमोचन के बाद कहा कि यह अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्व को योग का विराट दर्शन हुआ है, जिसमें राजभवन भी सहभागी रहा है। भारत सहित विश्व के लगभग 200 देशों में योग दिवस मनाया गया है।
ये थे मौजूद
योग विशेषांक का लोकार्पण वास्तव में उसी का एक सूक्ष्म दर्शन है जो विचार करने के लिये बाध्य करता है। योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है। उन्होंने कहा कि मन और शरीर के समन्वय से शांति मिलती है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पद्मश्री बह्मदेव शर्मा, कार्यक्रम के अध्यक्ष जयकृष्ण सिन्हा मुख्य स्थायी अधिवक्ता, पत्रिका के सम्पादक डॉ0 विजय कर्ण, प्रशान्त भाटिया व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
योग की महत्ता पूरे विश्व में फैलायी
राम नाईक ने कहा कि हमें अपनी परम्परा और संस्कृति को पहचानने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार योग को विश्व मंच पर रखा, वह सराहनीय है। भारत से जाकर लोगों ने योग की महत्ता पूरे विश्व में फैलायी। विशेषांक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे तभी कार्यक्रम की सार्थकता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्मरणात्मक पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!Ó का अब तक 10 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
विशेषांक पुस्तिका पाठकों के लिये बहुमूल्य
कार्यक्रम के अध्यक्ष जयकृष्ण सिन्हा ने कहा कि योग विशेषांक पुस्तिका पाठकों के लिये बहुमूल्य है। भारत देश विश्व गुरू बन रहा है, आज उसकी झांकी देखी जा रही है। सम्पूर्ण विश्व योग से जुड़ गया है। आत्मा और परमात्मा तक पहुंचने का साधन है योग। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य को मनुष्य से जोडऩे का काम करता है।