डेस्क। तेजपत्ता के कई आयुर्वेदिक फायदे हैं। शायद ही आप जानते होंगे कि तेजपत्ता तनाव भगाने के लिए जाना जाता है, इसके धुएं से टेंशन दूर होता है। अगर आप रात को सोने से पहले कमरे में तेजपत्ते का धुआं कर लेते हैं तो आपका टेंशन दूर होने के साथ ही सांस संबधी और त्वचा संबधी बीमारियां दूर हो जाएंगी।
यह एक जड़ी बूटी है जिसका रशिया के एक वैज्ञानिक ने अच्छी तरह से अध्यन किया था और पाया कि यह हमारे तनाव को दूर कर सकता है। तभी से तेज पत्ते को अरोमाथैरेपी के लिये इस्तेमाल किया जाने लगा।
ऐसे करें इस्तेमाल
इसके लिए आपको सबसे पहले एक ताजा और सूखा तेजपत्ता लेना है। इसे एक कटोरे में रखकर घर के बाहर जलाएं। बाद में इसे घर के अंदर लाकर 15 मिनट के लिए रखें। तेजपत्ते की महक पूरे कमरे में फैल जाएगी। इससे आप रिलेक्स और रिफ्रेशिंग फील करेंगे। इससे आसपास के बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। तेज पत्ते को जलाने से व्यक्ति की थकान दूर होती है, दिमाग शांत रहता है, दिमाग की नसों को आराम मिलता है, इतना ही नहीं इसका धुंआ जब सांस के माध्यम से हमारे अंदर जाता है तो हमारे प्रतिरक्षी तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मजबूत बनाता है।
तेजपत्ता एंटीइंफ्लेमेटरी होता है। मिर्गी के मरीजों को इसके धुएं के बीच रहना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि ये मिर्गी के रोग को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है।
त्वचा के लिये भी अच्छा इस तेल में मिनरल्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह तेल हमारी त्वचा के लिये जरूरी है, जिसे लगाने से त्वचा मुलायम, साफ और कीटाणुरहित बनती है। कोकरोच को भगाने के लिए भी इसका यूज किया जा सकता है। तेजपत्ते को जलाकर कमरे या किचन में रख दें।