लखनऊ। एनएचएम की ओर से चलाई जा रही कायाकल्प योजना के तहत शुक्रवार को झलकारीबाई अस्पताल का अंतिम मूल्यांकन के लिए निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण करीब एक घंटे तक चला। गौरतलब है कि यह योजना अस्पतालों को साफ बनाने के उद्देश्य से चलाई जाती है।
जांची व्यवस्थाएं
एसजीपीजीआई के प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने औषधी केंद्र, पैथोलॉजी और प्रसूता वार्ड का दौरा किया। मूल्यांकन टीम में लखनऊ विवि की प्रोफेसर डॉ. अमिता सिंह, वात्सल्य के प्रोजक्ट प्रबंधक डॉ. अंजनी कुमार सिंह थे। इस साल कायाकल्प योजना में अस्पताल के बाहरी इलाके को मूल्यांकन में शामिल किया गया था जिसके तहत सबसे पहले डॉ. राजेश ने अस्पताल के बाहरी इलाके में साफ-सफाई के इंतजाम का दौरा किया। उसके बाद प्रथम तल पर बने प्रसूता वार्ड में जच्चा-बच्चा को मिलने वाली सुविधाएं, शौचालय आदि में व्यवस्थाएं जांची गईं।
अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश
औषधी भंडार में डॉ. राजेश ने दवाओं की सूची और रखरखाव देखा। पैथोलॉजी में जांच उपकरण, सफाई पर गौर किया और अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुधा वर्मा ने बताया कि आज भी टीम की ओर से लेबर रूम, ओटी आदि की जांच की जाएगी। पिछली बार हमें कायाकल्प में दूसरा और प्रदेश में छठा स्थान मिला था इस बार हमें मरीजों को सबसे बेहतर सुविधा देकर पहले स्थान पर आना है।