लखनऊ। दुनिया के हर विकासशील और विकसित दोनों तरह के देश जनसंख्या विस्फोट से चिंतित हैं। भारत में बढ़ती जनसंख्या की वजह से देश को लगातार बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी बढ़ेगी। आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ रह पाना मुश्किल होगा।
ऐसा अनुमान है कि भारत में एक मिनट में लगभग 25 बच्चे जन्म लेते हैं लेकिन यह आंकड़ा अस्पताल में जन्म लेने वालों का है, जबकि आंकड़ा कहीं इससे ज्यादा है जहां घरों में बच्चे जन्म लेते हैं। जनसंख्या के हिसाब से चीन विश्व में प्रथम स्थान पर और भारत दूसरे स्थान पर है। इसी को देखते हुए भारत सरकार परिवार नियोजन के कई कार्यक्रम चला रही है।
… तो भारत होगा दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश
उक्त बातें जनसंख्या दिवस के अवसर पर आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. जीपी सिंह ने विश्व जनसंख्या दिवस के आयोजन पर कही। इस समय भारत की आबादी अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश की कुल जनसंख्या से ज्यादा है लेकिन भारत के पास विश्व का मात्र 2.4 प्रतिशत क्षेत्र है। यदि जनसंख्या की रफ्तार पर रोक नहीं लगी तो भारत 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा।
यह बात कही
पूरे विश्व में लगभग 225 मिलियन (22.5 करोड़) महिलाएं अनचाहे गर्भ की चपेट में हैं जिसका प्रमुख कारण है सुरक्षित व प्रभावी परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध न होना जोकि सरकार एवं समाज की जिम्मेदारी है। ये महिलाएं परिवार नियोजन के साधन अपनाना चाहती हैं लेकिन ये उन्हें सहज उपलब्ध नहीं है। यूनाइटेड नेशन का कहना है कि सुरक्षित एवं स्वैच्छि परिवार नियोजन के साधन अपनाना उनका मानवाधिकार है और यही महिलाओं में असमानता एवं गरीबी दूर करने का हथियार है।