लखनऊ। कुपोषण से लडऩे के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। मां का कुपोषित होना, नवजात को समय से व शीघ्र स्तनपान न कराना, 6 माह तक केवल स्तनपान न कराना, समय से पूरक आहार की शुरुआत न करना आदि कुपोषण के मुख्य कारण हैं लेकिन इसके अलावा भी कुपोषण के अन्य प्रमुख कारणों में डायरिया व समुचित साफ-सफाई का अभाव भी है।
ऐसे बच सकते हैं डायरिया से
रानी अवन्तीबाई जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि अपनी सफाई, घर व उसके आस-पास की सफाई, खाना बनाने व बच्चे को खिलाने के समय सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ में पीने का साफ पानी ही उपयोग में लाना चाहिए। यदि हम इन बातों का ध्यान रखें तो डायरिया से बच सकते हैं। बार-बार डायरिया होने से बच्चे का वजन गिर सकता है और वह कुपोषित हो सकता है। यदि बच्चा कुपोषित है तो ऐसे बच्चे को डायरिया आसानी से हो जाता है व बच्चा और कुपोषित हो जाता है।
6 माह तक केवल स्तनपान
डॉ. सलमान बताते हैं कि माताओं को अपने बच्चों को 6 माह तक केवल स्तनपान ही कराना चाहिए, उसे कोई खाद्य पदार्थ भी नहीं देना चाहिए यहां तक कि पानी भी नहीं क्योंकि यह भी बच्चे में डायरिया का कारण बन सकता है। डायरिया होने पर मां बच्चे को बार-बार केवल स्तनपान ही करायें, इसे रोकें नहीं। बोतल से दूध नहीं देना चाहिए। अगर बच्चा किसी कारणवश स्तनपान नहीं कर पर रहा है तो अपना दूध निकालकर उसे कटोरी चम्मच से पिलाना चाहिए। कटोरी व चम्मच साफ होने चाहिए। शरीर को दोबारा स्वस्थ बनाने के लिए 6 माह से बड़े बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार दें।
पीते रहें ओआरएस
डॉ. सलमान बताते हैं कि डायरिया होने पर शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसलिए बच्चे को तुरंत ओआरएस (जीवन रक्षक घोल) तथा अतिरिक्त तरल पदार्थ दें और जब तक डायरिया पूरी तरह से ठीक ना हो जाये तब तक जारी रखें। डायरिया से ग्रसित बच्चे को 14 दिन तक जिंक दें अगर दस्त रुक जाएं तो भी यह देना बंद ना करें।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
डॉ. सलमान बताते हैं कि साफ-सफाई का ध्यान रखकर ही हम डायरिया से बच सकते हैं। पीने का पानी हमेशा ढककर रखें। उसे निकालने के लिए लंबी डंडी वाले बर्तन का ही उपयोग करें। अपनी व अपने आस-पास की सफाई सुनिश्चित करें। स्तनपान से पहले, शौच के बाद, बच्चे के माल निपटान के बाद साबुन व पानी से हाथ धोएँ। बच्चे को खाना खिलाने से पहले बच्चे के हाथों को साबुन व पानी से जरूर धोएं। शौच के लिए हमेशा शौचालय का उपयोग ही करें। किशोरियों व महिलाओं को माहवारी के दौरान व्यक्तिगत साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिये।