लखनऊ। राह चलते यदि आपके सामने कोई एक्सीडेंट हो जाए तो आप सबसे पहले पीडि़त को सेफ जगह पर ले जाएं। पीडि़त को लुक, लिसेन और फील को चेक करना चाहिए। मुंह के सामने अपना हाथ रखकर चेक करें कि सांस ले रहा है कि नहीं।
एक्सीडेंट पीडि़त के लिए शुरू के आधे घंटे सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। यहीं नहीं शुरू के तीन से पांच मिनट में पीडि़त को ऑक्सीजन देने की जरूरत होती है जिससे कि पीडि़त का बे्रन डेड ना हो। उक्त बातें सामाजिक सरोकार मंच के संयोजक अजय कुमार सिंह ने बताई।
कार्यशाला का आयोजन
सामुदायिक स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत आकस्मिक दुर्घटना चोट मिर्गी एवं बेहोशी की अवस्था में प्रारंभिक उपचार और अस्पताल पहुचाने संबंधित जानकारी के लिए एक कार्यशाला का आयोजन बुधवार को पीके पैथोलॉजी फस्र्ट फ्लोर हॉल में सुबह 10.30 से 12.30 तक किया गया। इसमें पीजीआई के ट्रामा एवं आकस्मिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. संदीप साहू ने आम लोगों को प्राथमिक चिकित्सा एवं अस्पताल पहुंचाने के पहले की सेवा संबंधित जानकारी साझा किया साथ ही हार्ट अटैक के दौरान हार्ट पम्प करने की विधि भी लोगों को बताया गया। इस सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यशाला में बड़ी संख्या में आम लोग, टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों ने भाग लिया।
रक्त को रोकना और सांस और हृदय को चलाये रखना महत्वपूर्ण
इस अवसर पर पीके पैथोलॉजी के डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि समाज के सभी लोगों को दुर्घटना और आकस्मिक चिकित्सा के प्रारंभिक उपचार के बारे में जानना चाहिए क्योंकि शुरुआत में सड़क पर डॉक्टर नहीं उपलब्ध हो पाते हैं। रक्त को रोकना और सांस और हृदय को चलाये रखना महत्वपूर्ण होता है।
डमी के माध्यम से यह सिखाया
प्रोफेसर संदीप साहू ने प्रतिभागियों को कित्रिम सांस और हृदय पंप करने की विधि डमी के माध्यम से भी सिखाया। नर्सिंग ऑफिसर अजय सिंह ने युवाओं से स्किल को बढ़ाने और एक्सीडेंट होने पर व्यक्ति को प्रारंभिक उपचार और ठीक प्रकार से अस्पताल पहुंचाने में मदद करना चाहिए। अंत मे प्रोफेसर संदीप साहू ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किया और आये हुए लोगों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक सरोकार मंच के सहयोग से आयोजित किया गया जो कि एक स्वयं सहायता समूह है।
यह करना चाहिए
सबसे पहले पीडि़त को सेफ जगह पर ले जाएंं। स्ट्रेट रखने के बाद करीब 30 बार सीने पर पुस किया जाए। कोशिश यह भी किया जाए कि आप उसे मुंह से सांस दे ताकि उसे ऑक्सीजन मिल सके। यदि उसे किसी जगह से खून निकल रहा हो तो उस जगह पर साफ कपड़े से बांध दिया जाना चाहिए, गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने से पीडि़त को इंफेक्शन हो सकता है। इसके बाद 112 डायल कर जानकारी दी जाए।