लखनऊ। प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ उप्र के प्रतिनिधियों एवं उत्तर-प्रदेश शासन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के बीच चिकित्सकों की रिटायरमेंट एवं अधिवर्षता आयु के सम्बंध में बैठक मंगलवार को हुई। बैठक में अधिवर्षता आयु बढ़ाये जाने से होने वाले परिणामों के विषय में गहनता से विचार-विमर्श हुआ, दोनो पक्षों से अपने-अपने तर्क दिये। संघ के केन्द्रीय कार्यकारिणी के तरफ से शासन के हर प्रश्न का औचित्यपूर्ण एवं व्यवहारिक समाधान सुझाया गया। केन्द्रीय कार्यकारिणी की तरफ से सरकार को संघ के अभिमत से अवगत कराया।
ऐसा हो सकता है
शासन ने संघ की यह मांग मान ली और सहमति व्यक्त किया कि चिकित्सकों 62 वर्ष की आयु पर अवकाश प्राप्त की समस्त लाभ देते हुए सेवा निवृत्त किया जाएगा। 62 वर्ष की आयु के पश्चात जो चिकित्सक कार्य करना चाहेंगे उन्हें सरकार पुर्ननियोजित नि:सर्वगीय पदों या अन्य स्रोतों से गैर प्रशासनिक पदों पर पुनर्नियुक्त करेगी। पुर्ननियोजन 62 वर्ष से 65 वर्ष तक तीन साल के लिए एक साथ किया जायेगा।
ये थे मौजूद
बैठक में शासन की तरफ से प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी, सचिव हेकाली झीमोमी महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह व डॉ. उमाकान्त महानिदेशक परिवार कल्याण, मिशन निदेशक पंकज कुमार, निदेशक प्रशासन पूजा पाण्डेय तथा संघ की तरफ से अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य, महासचिव डॉ. अमित सिंह, उपाध्यक्ष मुख्यालय डॉ. विकासेन्दु अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ विनय कुमार सिंह यादव, ने प्रतिभाग किया।