गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार जनता को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील होना ही डॉक्टर की सबसे बड़ी जरूरत है। पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटर्नशिप के लिए डॉक्टर सिफारिश न करवाएं, बल्कि गांवों को एडॉप्ट कर वहां प्रैक्टिस करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स निर्माण और ओपीडी प्रारम्भ होने की खुशी मुझसे ज्यादा किसी को नहीं हो सकती। उन्होंने निर्देश दिया कि सितम्बर 2020 तक हर हाल में निर्माण पूरा होना चाहिए।
तेजी से हो रहा गोरखपुर एम्स का निर्माण
मुख्यमंत्री गुरुवार को एम्स का निरीक्षण करने गोरखपुर पहुंचे। सीएम योगी ने कहा कि साल 2003 में उन्होंने पहली बार गोरखपुर में एम्स निर्माण के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। 2004 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद गोरखपुर के दौरे पर आये थे। तब आजाद ने कहा था कि इन्सेफेलाइटिस के इलाज की जिम्मेदारी राज्य की है, केंद्र सरकार की नहीं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार को गोरखपुर में एम्स का प्रस्ताव दिया था, जिसे साल 2016 में पीएम मोदी ने स्वीकृत कर दिया और गोरखपुर में एम्स का निर्माण शुरू हो गया। 2016 में तत्कालीन सपा सरकार एम्स के लिए विवादित जमीन दे रही थी। इस मामले को उनके द्वारा तत्कालीन केंद्रीय कैबिनेट सचिव के संज्ञान में लाया गया जिसके बाद कैबिनेट सचिव ने यूपी के मुख्य सचिव से बात की। सीएम योगी ने कहा साल 2017 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्होंने तत्काल जमीन संबंधी समस्याओं को दूर कर पहली मीटिंग में ही सभी औपचारिकताओं को पूर्ण किया। देशभर में निर्मित 6 नए एम्स संस्थानों में गोरखपुर एम्स का निर्माण सबसे तेजी से हो रहा है।
2 लाख 69 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
गोरखपुर एम्स इकलौता ऐसा संस्थान है जहां पढ़ाई कैम्पस में ही शुरू होगी। सीएम ने कहा कि गोरखपुर एम्स में अभी तक 2 लाख 69 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। गोरखपुर एम्स में एकेडमिक में 50 छात्रों को एडमिशन मिला है जिनमें 32 लड़के और 18 लड़कियां शामिल हैं। 2017 से 2019 तक 7 नए मेडिकल कॉलेज शुरु किये गए हैं। अगले वर्ष 8 नए मेडीकल कॉलेज में क्लासेज शुरू की जाएंगी। इसके अलावा 14 नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव भी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की पढ़ाई के लिए सरकार पैसा खर्च कर रही है, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है। इसलिए छात्रों को भी पढ़ाई पूरी करने के बाद पूरी संवेदना के साथ जनता की सेवा करनी चाहिए। डॉक्टरों को समाज की संवेदनाओं को समझ कर कार्य करना होगा।
स्वच्छ भारत मिशन का महत्वपूर्ण योगदान
आज के दौर में संवेदनशील डॉक्टर की सबसे ज्यादा जरूरत है। सीएम योगी ने कहा इलाज में क्वालिटी को लेकर किसी तरह का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को कंट्रोल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सीएचसी और पीएचसी समेत जिला अस्पताओं में सुविधाओं की बढ़ोत्तरी की गई। डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ आदि को ट्रेनिंग दी गयी ताकि प्रारंभिक स्तर पर ही इस बीमारी से निपटा जा सके। जिसका परिणाम है कि इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को काबू में लाया जा सका। सीएम ने कहा कि संक्रमित बीमारियों से निपटने में स्वच्छ भारत मिशन का भी महत्वपूर्ण योगदान है।