लखनऊ। अब माता-पिता को अपने आने वाले बच्चों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। अब जन्म से पहले ही बच्चे की बीमारी का पता लगाना आसाना हो गया है। फिलहाल अभी इस तरह की सुविधा पीजीआई और केजीएमयू में ही है। अब लोहिया संस्थान में जेनेटिक लैब बनाई जाएगी। इस लैब में शोध के साथ जन्मजात बीमारियों से पीडि़त बच्चों और गर्भस्थ की जांच होगी। जांच में बच्चे के बीमार होने का पता लग सकेगा।
एक करोड़ की लागत से तैयार लैब
जेनेटिक लैब अकैडमिक ब्लाक में बनाई जाएगी। इसका संचालन एनॉटमी विभाग करेगा। इस लैब को करीब एक करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा और यहां जांच के लिए जरूरी उपकरण भी मौजूद होंगे। लोहिया संस्थान के प्रोफेसर इति के मुताबिक मानसिक अपंगता, थैलेसीमिया या किसी भी बीमारी से बच्चे पीडि़त होंगे, तो जेनेटिक लैब में जांच के दैरान इसका पता लगा पाना आसान होगा। बीमारी का पता लगने पर समय पर इलाज शुरू किया जाएगा।
रेफर करने की जरूरत ही नहीं
भ्रूण की जेनेटिक जांच के लिए क्वीनमेरी अस्पताल से हर महीने करीब 100 गर्भवतियां पीजीआई रेफर की जाती थीं। लेकिन अब लैब खुलने से उन्हें नहीं करना पड़ेगा रेफर।