लखनऊ। राजधानी में मरीजों को दलालों द्वारा झांसा देकर जान को आफत में डालने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला निरालानगर के निजी अस्पताल का सामने आया है। आरोप लगाया गया है कि मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई। हालत बिगडऩे पर मरीज को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।
जहां डॉक्टरों ने परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि मरीज को पांच दिन तक भर्ती किया गया और ढाई लाख रुपये वसूली भी की गई। इस मामले की शिकायत सीएमओ से की गई है।
यह हुआ था
संतकबीरनगर निवासी मनीष कुमार (25) को दीपावली से पहले सड़क हादसे में जख्मी हो गया था। तीमारदारों ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। इलाज के बाद जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। एम्बुलेंस चालक के झांसे में फंसकर तीमारदार मरीज को ट्रॉमा सेंटर के बजाए निरालानगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
यहां डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर पर भर्ती किया। पिता अरविंद का आरोप है कि इलाज के नाम पर हर रोज करीब 30-35 हजार रुपये वसूले गए। आरोप हैं कि इलाज में डॉक्टरों ने लापरवाही की। हालत बिगडऩे पर मरीज को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोपों की पुष्टि नहीं हुई
नाराज परिवारीजन दोबारा अस्पताल आए और हंगामा शुरू कर दिया। वहीं अस्पताल संचालक ने आरोपों को सिरे से गलत करार दिया। संचालक ने कहा कि बकाया बिल भुगतान से बचने के लिए परिवारीजन इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। यदि परिवारीजनों के पास अधिक वसूली के बिल हैं तो दिखाएं। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक शिकायत पर जांच कराई गई। जांच में परिवारीजनों के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।