लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा संक्रामक रोगों को राकने के लिए स्वास्थ्य विभाग तेजी से काम कर रहा है। बताए गए आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पिछले 24 घंटों में चलाए जा रहे अभियान में बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई, खीरी, बहराइच और सीतापुर जिलों में 11,682 बुखार से पीडि़त रोगियों को खोज कर उपचार दिया है।
इनमें से मलेरिया की जांच के लिए कुल 9,945 रोगियों की रैपिड डायग्नोस्टिक किट के द्वारा जांच की गई जिसमें कुल 1,591 मलेरिया के रोगी पाए गए। इन सभी मलेरिया के रोगियों को उपचार प्रदान किया गया। बता दें कि इन आठ जिलों में 329 टीमें काम कर रही हैं।
मलेरिया बुखार की संख्या में कमी
संक्रामक रोगों और बुखार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में रोगियों की खोज के लिए शहर और ग्रामीण इलाकों में एक्टिव केस फाइन्डिग भी तेजी से काम कर रहा है। स्वास्थ्यकर्मी प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर रोगियों की खोज कर रहे हैं। उक्त बातें प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से सीजनल फीवर और मलेरिया बुखार की संख्या में कमी आ रही है।
स्वास्थ्य शिविर लगाए
वहीं जिले में जो इलाके ज्यादा पीडि़त हैं वहां स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। रोगों का रोकने के लिए पंचायती राज, ग्राम्य विकास एवं शहरी विकास विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके साथ ही जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) द्वारा रोज संक्रामक रोगों और प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा कर अगले दिन की योजना तैयार कर कार्रवाई की जा रही है।
टीमों को रवाना किया जा रहा
मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष क्षेत्रों से विभिन्न माध्यमों से संक्रामक रोगों की सूचना मिलने पर टीमों को रवाना किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रकाशित समाचार पत्रों में संक्रामक रोगों सम्बन्धी खबरों को संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जा रही है। जिलें में संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए आवश्यक दवाइयों और सामग्रियों की पर्याप्त उपलब्धता है तथा रोकथाम के लिए स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने के लिए काम किया जा रहा है। प्रभावित जिलों की चिकित्सा इकाईयों में बुखार के रोगियों के उपचार के लिए विशेष वार्ड भी स्थापित किए गए हैं।