लखनऊ। रायबरेली रोड स्थित एसजीपीजीआई संस्थान से अपराजिता तिवारी को निकाले जाने के बाद संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य मंगलवार को संस्थान पहुंचकर निदेशक डॉ. राकेश कपूर से मिलकर वार्ता करना चाहा। लेकिन निदेशक ने मिलने से मना कर दिया। इसके बाद संगठन पदाधिकारियों ने मानव आपूर्ति अधिकारी भरत सिंह से चर्चा की। उन्होंने कहा है कि कर्मचारी हित में जल्द निर्णय लिया जायेगा। एसजीपीजीआई प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई ना होने पर संविदा कर्मचारी संघ पीडि़ता अपराजिता तिवारी को लेकर शासन से न्याय की मांग करेगा। यह जानकारी संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने दी है।
झूठे आरोप लगाकर बर्खास्त किया
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के संविदा कर्मचारी संघ की अध्यक्ष को संस्थान में हड़ताल करवाने तोडफ़ोड़ तथा अन्य कई झूठे आरोप लगाकर 10 अगस्त 2019 तो कार्य से बर्खास्त कर दिया गया था। एसजीपीजीआई कर्मचारी महासंघ (स्थायी कर्मचारी संगठन) तथा नर्सिंग संगठन द्वारा यूनियन के लेटर पैड पर कर्मचारियों को निकालने तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ज्ञापन दिया गया जोकि अशोभनीय है। संस्थान के कार्य में संविदा कर्मचारियों की भूमिका स्थाई कर्मचारियों से कम नहीं है। ये कर्मचारी पूरी मेहनत और ईमानदारी से करते हैं।
कर्मचारियों में आक्रोश
एसजीपीजीआई संविदा कर्मचारी संघ की अध्यक्ष अपराजिता तिवारी ने ना तो किसी प्रकार के हड़ताल का नोटिस दिया और न हड़ताल किया गया। अपराजिता तथा अन्य 10 लोगों को बर्खास्त करने तथा मुकदमा दर्ज होने और मानसिक उत्पीडऩ किए जाने से कर्मचारियों में काफी आक्रोश है जो किसी भी समय आंदोलन में बदल सकता है। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ उप्र आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों का उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं करेगा।
प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
अगर अपराजिता तिवारी और 10 लोगों को काम पर बहाल नहीं किया गया और साथ ही झूठा मुकदमा वापस नहीं हुआ तो संविदा कर्मचारी संघ प्रदेशव्यापी आंदोलन को बाध्य होगा और मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। इसके साथ ही संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ द्वारा यूनियन के लेटर पैड का दुरुपयोग किया गया है जिसकी शिकायत रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन करके इनकी मान्यता निरस्त करने की मांग की जाएगी।