डेस्क। आंखों के रोग और उसके लक्षणों को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ज्यादा देर होने से आंखों की रोशनी जाने के साथ-साथ जान को भी खतरा पैदा हो जाता है। कई लोगों को बहुत देर हो जाने के बाद रोग का पता चलता है, तब बहुत सारे मरीज मेडिकल प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं करते हैं। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में रेटिनोब्लास्टोमा यानी रेटिना का कैंसर सामान्य है। इसमें भेंगापन और आंखों की पुतली के भीतर सफेद दाग रहता है। शुरुआती चरण में रोग का पता चलने पर बच्चे की दोनों आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है लेकिन ज्यादा देर होने से आंखों की रोशनी समाप्त होने के साथ-साथ जान को खतरा भी पैदा हो जाता है।