लखनऊ। रायबरेली रोड स्थित एसजीपीजीआई में शुक्रवार को कर्मचारी महासंघ ने बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार ने बताया कि हमारी जायज मांगों पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तरे यह धरना प्रदर्शन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन की होगी।
मोहलत खत्म
गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर एसजीपीजीआई कर्मचारी संघ ने पहले ही संस्थान प्रशासन को 14 दिन की मोहलत दी थी। इस दौरान महासंघ की मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 3 अक्टूबर तक महासंघ ने इंतजार किया। 4 अक्टूबर को पहले से तय कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों ने धरना शुरू कर दिया। धरने पर 20 से 25 कर्मचारी बैठक हुए हैं।
वार्ता के बाद लेंगे निर्णय
महासंघ की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनीता सिंह ने कहा कि शुक्रवार सुबह 10 बजे से धरना दिया जा रहा है। महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने बताया कि हमारी मांगों को संस्थान प्रशासन जानता है लेकिन अभी तक कोई भी बातचीत के लिए नहीं आया है। प्रशासन से उचित वार्ता के बाद ही महासंघ कोई ठोस निर्णय लेगा। फिलहाल धरना देने से मरीजों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महामंत्री ने कहा कि कोई भी कार्य बाधित नहीं किया गया है जिससे कि मरीजों को परेशानी उठानी पड़े।
ये हैं मांगें
संवर्ग पुर्नसंरचना, संस्थान के सभी संवर्गों में नियमित रिक्त पदों को जल्द भरा जाए, संस्थान की प्रथम नियमावली 2011 में बदलाव, संस्थान कर्मचारियों को देय एमएसीपीएस/एसीपीएस/पदोन्नति दिया जाए, नई दिल्ली एम्स में जिन दो पदों का नाम परिवर्तित किया गया है, संस्थान में उन पदों का नाम भी परिवर्तित किया जाए, संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती पर रोक, मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन पर महंगाई भत्ता एम्स की तरह दिया जाए, एम्स नई दिल्ली के समतुल्य ड्रेस एलाउंस, पीसीए और द्विभाषीय भत्ता प्रदान किया जाए, संस्थान कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए संस्थान में 10 बेड सुरक्षित किया जाए, कर्मचारियों को स्थापना दिवस पर मिलने वाला गिफ्ट प्रदान किया जाए।