डेस्क। महाशिवरात्रि का व्रत काफी फलदायी माना जाता है। इस व्रत को कोई भी रख सकते हैं। वैसे तो उपवास के दौरान फलाहार खाए जाते हैं लेकिन शिवरात्रि पर कुछ खास तरह के भोजन का सेवन किया जा सकता है। शिवरात्रि में बिना नमक खाए आलस आता है और पूरे दिन थकान लगती है। उपवास के दौरान जितना हो सके उतना ही फल और जूस का सेवन भी करें। यह शरीर में कैलरी की मात्रा को भी संतुलित रखता है और डिहाइड्रेशन जैसी समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। फलाहार में संतरा, खीरा, पपीता, सेब आदि फल लिए जा सकते हैं। आप चाहें तो मूंगफली, मखाना आदि भी ले सकते हैं। इसके अलावा दिनभर में 7-8 ग्लास पानी जरूर पीयें। इसके अलावा स्वास्थ्यवद्र्धक सिंघाड़ा, चटपटा फलाहारी उपमा, साबूदाने की शाही खीर या फिर चटपटी भुजिया सेव का भी सेवन व्रत के दौरान कर सकते हैं।
व्रत में मखाना का इस्तेमाल भी कई तरीके से किया जाता है। कोई इसकी खीर बनाकर खाना पसंद करते हैं तो कोई घी में फ्राई करके सूखा ही खाना ज्यादा पसंद करते हैं। मखाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। ताकत के लिए दवायें मखाने से बनायी जाती हैं। केवल मखाना दवा के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता इसलिए इसे सहयोगी आयुर्वेदिक औषधि भी कहते हैं।
हर व्रत में आलू एक ऑप्शन जरुर होता है। आप इसे उबाल कर फ्राई कर के खा सकते हैं। या फिर इसे दही के साथ खाया जा सकता है। पूरा दिन भूखें रहने के बाद आलू खाने से शरीर में गिरे हुए शुगर का लेवल बढ़ता है और शरीर में एनर्जी आती है।
व्रत के दौरान कुट्टू के आटे का फलाहार तो सभी करते हैं लेकिन इसका सेव व्रत में क्यों जरूरी है इसके बारे में आपने कभी सोचा है। कुट्टू के आटे की बनी चीजे न सिर्फ व्रत के दौरान तुरंत ऊर्जा देती हैं बल्कि आमतौर पर इसके सेवन से भी सेहत से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं।
साबुदाना उस स्थिति में बेहद लाभकारी होता है, जब आपको पाचन में दिक्कत हों। पेट में किसी प्रकार की बीमारी होने पर भी साबुदाना लाभदायक होता है।
सिंघाड़ा शरीर के लिए मैंगनीज का अवशोषक करने में सक्षम होता है जिससे शरीर को मैंगनीज का भरपूर लाभ मिलता है। यह पाचन तंत्र के लिए बढिय़ा है। गर्भावस्था में सिंघाड़े का सेवन करना माता और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
संतरे का जूस इन दिनों बाजार में काफी सारे संतरे आए हुए हैं। तो ऐसे में ढेर सारे संतरे जरूर खरीद लें और व्रत में संतरे के जूस का सेवन करें। यही नहीं आप अनाक का जूस भी पी सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा दही, छाछ, लस्सी आदि का सेवन फायदेमंद रहता है।