लखनऊ। जिले में पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) का पाँचवाँ चरण 10 जून से 22 जून तक जिले में चलाया गया | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जिले में लगभग 5.40 लाख व्यक्तियों का सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान हेतु स्क्रीनिंग किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था | दस दिन तक चले अभियान के दौरान 750 सदस्यों और पर्यवेक्षकों की टीम ने करीब 6.33 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जिसमें से 2006 व्यक्तियों में क्षय रोग के लक्षण पाये गए | जांच रिपोर्ट के आधार पर 164 व्यक्तियों में क्षय रोग की पुष्टि हुई, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। |
सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान का पाँचवाँ चरण
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. बी.के.सिंह ने बताया कि इस 10 दिवसीय अभियान के दौरान सरोजिनी नगर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 26 रोगी चिन्हित किए गए हैं | सभी चयनित रोगियों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर (डीबीटी) के माध्यम से निक्षय पोषण योजना का लाभ सीधे उनके खाते में स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है | इस योजना के अंतर्गत 500 रुपए की धनराशि प्रतिमाह मरीज के खाते में स्थानांतरित की जाती है | डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि डीबीटी के माध्यम से अब तक लखनऊ में करीब 2.38 करोड़ का भुगतान मरीजों के खाते में किया जा चुका है | सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में लखनऊ जिला उकृष्ट उपलब्धियां हासिल कर रहा है | प्रथम चरण फरवरी 2018 में 38 क्षय रोगी, दूसरे चरण जून 2018 में 72 क्षय रोगी, तीसरे चरण सितंबर 2018 में 96 क्षय रोगी, चतुर्थ चरण जनवरी 2019 में 119 क्षय रोगी तथा पांचवें चरण जून 2019 में कुल 164 क्षय रोगी खोजे गए |