लखनऊ। डा.राम मनोहरल लोहिया अस्पताल में बीते कई दिनों से डायलिसिस यूनिट बंद पड़ी है। इसका खामियाजा गुर्दे के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज प्राइवेट अस्पताल में डायलिसिस कराने को मजबूर हैं। मरीज व उनके तीमारदारों ने अस्पताल के अधिकारियों से कई बार शिकायत की इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ।
डॉ. एसएम कालरा अवकाश पर
लोहिया अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में छह बेड हैं। रोजाना आठ से 10 मरीजों की डायलिसिस हो रही थीं। बीते कई दिनों से मशीनों का संचालन बंद है। बताया गया है कि यूनिट का संचालन कर रहे डॉ. एसएम कालरा अवकाश पर हैं। इसका खामियाजा दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गुर्दे के मरीज डायलिसिस के लिए भटक रहे हैं। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। 50 वर्षीय सुमन सिंह के दोनों गुर्दे खराब हैं। उनका लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने सप्ताह में दो बार डायलिसिस कराने की सलाह दी है। बीते कई दिनों तक मशीन खराब रही। फिर यूनिट का आरओ प्लांट खराब हो गया। अब जब मशीनें ठीक हुई तो डॉक्टर छुट्टी पर चल गए।
डायलिसिस यूनिट संचालन की जिम्मेदारी सिर्फ एक डॉक्टर पर
450 बेड के लोहिया अस्पताल में करीब 100 डॉक्टर हैं। डायलिसिस यूनिट संचालन की जिम्मेदारी सिर्फ एक डॉक्टर पर है। डॉक्टरों का कहना है कि अन्य चिकित्सकों को भी डायलिसिस मशीन के संचालन का प्रशिक्षण दिला दिया जाता तो गंभीर मरीजों को परेशानी से बचाया जा सकता है।