मलिहाबाद। डेंगू का कहर लगातार जारी है। जिले के मलिहाबाद में इसका ज्यादा प्रकोप दिखाई दे रहा है। कसमण्डी खुर्द, हिमरापुर, सेंधरवा, मुजासा सहित लगभग आधा दर्जन गांवों में डेंगू, टाईफाइड, वायरल से गांवों में कई ग्रामीण बीमार है। जबकि जानकारी के बाद भी स्वास्थ विभाग द्वारा इन गांवों में अभी तक कैम्प भी नहीं किया है जिससे ग्रामीणों में रोष है।
लोग बुखार से पीडि़त
मलिहाबाद के मुजासा गांव में राबिया खातून, सीबा, कहकशा, सबनूर, फरिया, उबैद, अजय आरिफ, चांद, अजीज, दानिश, तालिब, अबूजर, गोलू, अबरार और अन्य लोग बुखार से पीडि़त हैं। वहीं हिमरापुर गांव में भी ज्यादा लोग बुखार से पीडि़त हैं। जिसमें से डेंगू, टायफाइड और वायरल बुखार से भी लोग परेशान हैं। टाईफाइड बुखार से प्रधान पति जमशेद, इलमा, मंतशा, इसरत जहां, रुबीना बानो, सानिया, तबस्सुम, साबिया, लुकमान, विजय, बहादुर, उजैर, उबैद, शहीम, फुरकान, हफीज, सिंधरवा गांव में करीब 20 लोग बुखार से पीडि़त है जिसमें अनीस, फहीम, राजू, मुन्ना अन्य लोग हैं।
ग्राम प्रधान गांव में दवा का छिड़काव, नालियों की साफ-सफाई करवाई
कसमण्डी खुर्द गांव में लगभग डेढ़ दर्जन ग्रामीण ज्यादा बुखार से पीडि़त हो चुके हंै जिसमे नियाज, हिफजा, जुबैरिया, आमिर, अहसान, फरहान, कमाल हसन, रेहान, खुशबू हैं। सिंधरवा गांव से करीब 2 दर्जन ग्रामीण टाईफाइड बुखार से पीडि़त हंै। ग्रामीण क्षेत्रों में यह संक्रमण धीरे-धीरे अन्य गावों में अपने पैर पसार रहा है। साथ ही हिमरापुर गांव के प्रधान जुनैद अहमद ने बताया कि गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इन गांवों की सुध नहीं ली है। जबकि इसकी शिकायत मलिहाबाद सीएचसी अधीक्षक से की गई लेकिन यहां का हाल लेने नहीं पहुंचा है। आखिरकार ग्राम प्रधान जुनैद ने पूरे गांव में दवा का छिड़काव, फॉगिंग और नालियों की साफ-सफाई करवाई।
इन इलाकों में मौत
स्वास्थ्य विभाग के इस ढुलमुल रवैये से न जाने कितने ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और ग्रामीण सारिक पुत्र वहीद की सप्ताह भर पहले डेंगू से मौत भी हो चुकी है। मलिहाबाद कस्बे में 2 वर्षीय बच्ची की डेंगू से मौत हो चुकी है। करीब 2 सप्ताह पहले कसमण्डी कला गांव में भी बुखार का प्रकोप फैला था। ग्राम प्रधान संजय साहू और सांसद के हस्तक्षेप से सीएचसी द्वारा गांव में कुछ दिन स्वास्थ्य कैम्प की खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लिया था। स्वास्थ्य विभाग के इस नकारात्मक रवैये से क्षेत्रीय लोगों के अंदर काफी रोष व्याप्त है।