लखनऊ। स्थानांतरण की नीति राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय पदाधिकारियों का रास नहीं आ रही है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि स्थानांतरण नीति के विरुद्ध बड़े पैमाने पर पदाधिकारियों, दिव्यांग, दाम्पत्य नीति से आच्छादित कर्मियों के स्थानांतरण में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध करते हुए आंदोलन की धमकी दी है।
बैठक में थे मौजूद
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के समस्त संगठनों के प्रान्तीय पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सुरेश रावत ने की। बैठक में परिषद के चेयरमैन संघर्ष समिति व डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसो के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला, नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार, ऑप्टोमेट्रिस्ट एसो के अध्यक्ष सर्वेश पाटिल, एल टी एसो के महामंत्री बीबी सिंह, एक्स रे एसो के अध्यक्ष आर के पी सिंह, फिजियोथेरेपी एसो के महामंत्री अनिल कुमार, कुष्ठ एसो. के अध्यक्ष सतीश यादव, एलए एसो के अध्यक्ष सतीश, आरएस राणा, राजेन्द्र पटेल, राजेश चौधरी, सुनील कुमार मीडिया प्रभारी आदि उपस्थित हुए।
यह है मामला
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति में समूह ग के कर्मचारियों के लिये एक ही पटल पर यदि तीन वर्ष पूर्ण हो गये हैं तो पटल परिवर्तन का प्रावधान किया गया है जिसकी सीमा भी 20 प्रतिशत निर्धारित की गई है। ऐसे कर्मी जो दिव्यांग या दिव्यांग आश्रित है, पति-पत्नी यदि दोनों सरकारी सेवा में है तो स्थान रिक्त होने की दशा में अनुरोध पर उनका स्थानांतरण कर दिया जाये। अत्यंत खेद का विषय है कि स्वास्थ्य विभाग में फार्मेसिस्ट सहित अनेक पैरामेडिकल कर्मियों के स्थानांतरण में नीति का उल्लंघन किया जा रहा है। परिषद के संज्ञान में यह भी आया है कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा तथ्यों का परीक्षण किए बगैर नीति विरुद्ध स्थानांतरण के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित कर दबाव बनाया जा रहा है, कई पदाधिकारियों के स्थानांतरण हेतु मौखिक आदेश दिए जा रहे हैं जिससे विभाग के कर्मचारी आक्रोशित हैं।
सेवा बन्द होंगी
स्थानांतरण में दांपत्य नीति, पदाधिकारी, दिव्यांग, दिव्यांग आश्रित आदि के स्थानांतरण ना करने के निर्देश हैं। लेकिन जनपदों से जो सूचना मांगी गई है उनमें नीति के इन तथ्यों का उल्लेख नही हैं। इसलिए जनपदों से आ रही सूचनाएं ही अपूर्ण हैं, अपूर्ण सूचनाओं के आधार पर स्थानांतरण से अनेक अनियमितताएं पैदा होंगी। संदीप बडोला अध्यक्ष डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसो ने बताया कि यदि फार्मासिस्टों के साथ भेदभाव का रवैया अपनाते हुए नीति विरुद्ध स्थानांतरण किया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसमें समस्त आवश्यक सेवा बन्द होंगी।
नीति का उल्लंघन नहीं होना चाहिए
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि इस सम्बंध में परिषद का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से भेंटकर अवगत कराया जिसपर मुख्य सचिव द्वारा आश्वस्त किया गया व महानिदेशक को निर्देशित किया गया कि संगठन के पदाधिकारियों का स्थानांतरण न करने का नीति में व्यवस्था की गई है, नीति का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। परिषद ने मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर अपील की है कि वे स्वयं हस्तक्षेप कर स्थानांतरण में नीति का पूर्णतया पालन करते हुए पदाधिकारियों व त्रुटिपूर्ण स्थानांतरण निरस्त करने की मांग की है।