लखनऊ। पूर्वांचल के ग्रामीणों का अब जेई और एईएस बीमारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है। केजीएमयू के विशेषज्ञ इस बीमारी के खात्मा करने के लिए आगे आ गया है। अब जल्द ही गांव के सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को केजीएमयू के डॉक्टर ऑनलाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सलाह दे सकेंगे। जी हां यह सच है। इसके लिए ट्रॉमा सेंटर के दूसरे तल पर टेलीमेडिसिन विभाग का निर्माण चल रहा है। केजीएमयू में सोशल आउटरीच प्रोग्राम के प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक जल्द ही नेटवर्किंग का काम पूरा कर लिया जाएगा।
10 गांव को केजीएमयू ने गोद लिया
जेई व एईएस से प्रभावित गांव को सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा जाएगा। यहां के अस्पतालों को केजीएमयू के टेलीमेडिसिन विभाग से जोड़ा जाएगा। टेलीमेडिसिन विभाग के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। पहले चरण में 10 गांव को केजीएमयू ने गोद लिया है। इसमें लखनऊ के चिनहट ब्लॉक का गणेशपुर-रहमानपुर गांव शामिल है।
चयनित किए जा रहे गांव
डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि टेलीमेडिसिन विभाग में एक विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहेगा जो सीएचसी व पीएचसी में आने वाले गंभीर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराएंगे। डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को केजीएमयू तक आने की जरूरत नहीं नहीं होगी। इसमें जेई-एईएस से प्रभावित पूर्वांचल के गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर के गांव को चयनित किया जा रहा है।