लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर रविवार को ईको गार्डन में हजारों संविदा कर्मचारियों ने आउटसोर्सिंग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान संविदा कर्मचारी संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। प्रदर्शन में केजीएमयू डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एसजीपीजीआई के साथ प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी के हजारों कर्मचारी उपस्थित थे।
संस्थान, प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रहा
प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने बताया के प्रदेश में ठेकेदारी प्रथा से कार्यरत कर्मचारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल संस्थान, प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रहा है। पीएफ ईएसआई के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले किए जा रहे हैं। वहीं प्रदेश के मीडिया प्रभारी सच्चिदा नंद के कहा कि इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं का व्यापार हो रहा है। तथा इन कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
ये है मांग
- प्रदेश में कार्यरत समस्त संवर्ग के कर्मचारियों का विभागीस संविदा पर समायोजित किया जाए। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, केजीएमयू, एसजीपीजीआई में कर्मचारियों के सीधे संस्थान द्वारा वेतन भुगतान हो।
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश समान कार्य समान वेतन की व्यवस्था लागू हो।
- केंद्र सरकार के अधिनियम न्यूनतम वेतन 18 हजार लागू हो और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 18 हजार वेतन दिया जाए।
- एनआरएचएम की भांति संविदा व 20 आकस्मिक, 16 चिकित्सकीय एवं महिला कर्मचारियों को 6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए।
- विभागीय समायोजन न होने तक आउटसोर्सिंग नीति बनाई जाए और 60 वर्ष तक नौकरी सुरक्षित किया जाए।