लखनऊ। पीजीआई संस्थान में 110 करोड़ रुपए से निर्मित हिपेटोबाइलरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर का निर्माण हुआ है। अब इस सेंटर में बच्चे एवं बड़ों के पेट से जुड़ी बीमारियों के सभी आपरेशन होंगे। यही नहीं सेंटर में लिवर ट्रांसप्लांट के साथ ही हिपेटोबाइलरी आपरेशन होंगे। यह ऑपरेशन गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के सभी डॉक्टर कर सकेंगे। उक्त बातें संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि नवम्बर तक सेंटर में मरीजों की भर्ती शुरू करने की योजना है।
शासन से मिला 40 करोड़ का बजट
हिपेटोबाइलरी का नाम लिवर ट्रांसप्लांट के साथ जुडऩे से ऑपरेशन की सफलता की दर 70 से 80 फीसदी तक बढ़ जाएगी। शासन से 40 करोड़ का बजट मिलने से उपकरणों की खरीद फरोख्त के साथ ही सेंटर को क्रियाशील करने की कार्रवाई संस्थान प्रशासन ने शुरू कर दी है। अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद-फरोख्त के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपए दिए हैं। यहां पर स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाएं स्थापित की जा रही है। यहां पर लिवर प्रत्यारोपण के साथ ही हिपेटोबाइलरी से जुड़े सभी ऑपरेशन होंगे। इसके लिए बकायदा यहां पर पांच ऑपरेशन थियेटर बनाए गए हैं।
सेंटर में सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट की ओपीडी
लिवर प्रत्यारोपण के लिए पहले मरीज को इसके लिए तैयार करना पड़ता है। यहां सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। डॉ. कपूर बताते हैं कि गैस्ट्रो सर्जरी विभाग की पहले से संचालित ओपीडी, वार्ड और ऑपरेशन थियेटर में कोई छेड़छाड़ नही की गई है। सेंटर में सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट की ओपीडी होगी। विभाग के डॉक्टरों को पूरी आजादी है वह सेंटर की ओटी में ऑपरेशन करें या फिर पुरानी ऑपरेशन थियेटर में काम करें।
यह मामला भी है
लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर के साथ हिपेटोबाइलरी को जोडऩे की वजह से गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों में नाराजगी है। डॉक्टरों का कहना है कि गैस्ट्रो सर्जरी में 70 फीसदी ऑपरेशन हिपेटोबाइलरी की होती है। इससे लिवर ट्रांसप्लांट के साथ जोडऩे से उनका काम छिन जाएगा। विभाग के डॉक्टरों का आरोप है कि विभाग के एक डॉक्टर ने निजी फायदे के लिए शासन को गुमराह कर दोनों को एक साथ जोड़ दिया है।
मनमुटाव दूर करने के लिए कही यह बात
गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अधिकांश डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर के साथ हिपेटोबाइलरी को जोडऩे के पक्ष में नही हैं। हालांकि पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के बीच आपसी मनमुटाव दूर करने के लिए एक आदेश जारी कर कहा है कि हिपेटोबाइलरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर में विभाग के सभी डॉक्टरों को ऑपरेशन करने की छूट है। यहां पर विभाग के सभी डॉक्टर लिवर प्रत्यारोपण के साथ ही हिपेटोबाइलरी से जुड़े सभी ऑपरेशन कर सकेंगे।